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CDS का कार्यभार अब अन्य अधिकारी को मिलेगा या होगी नई नियुक्ति! जानें नियम और प्रावधान

नई दिल्ली। देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (Country’s first Chief of Defense Staff-CDS) बिपिन रावत के निधन (Bipin Rawat passes away) के बाद सबसे अहम सवाल यही है कि अब देश के सीडीएस पद का भार कौन संभालेगा? क्या फिर से इस पद के अधिकार राष्ट्रपति के सैन्य अधिकारों में समाहित हो जाएंगे? ऐसे ही कई सवाल हैं, जिनके जवाब लोग जानना चाहते हैं।

तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार को भारतीय सेना का हेलिकॉप्टर क्रैश हो जाने से CDS बिपिन रावत का निधन हो गया। अब देश के सीडीसी का कार्यभार उनके समक्ष कोई पूर्व अधिकारी संभालेगा या फिर इस पद पर नई नियुक्ति होगी?

सैन्य जानकारों के मुताबिक इस महत्वपूर्ण पद का कार्यभार किसी को नहीं दिया जा सकता। इस पद पर नई नियुक्ति ही की जाएगी। रक्षा मामलों से जुड़ी एक उच्च स्तरीय समिति यह तय करेगी कि अगला सीडीएस कौन होगा।


चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) का पद
आपको बता दें कि भारत में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) का पद सृजित करने की सिफारिश साल 2001 में मंत्रियों के एक समूह ने की थी। यह जीओएम कारगिल समीक्षा समिति (1999) की रिपोर्ट का अध्ययन कर रहा था. GoM की इस सिफारिश के बाद सरकार ने साल 2002 में इस पद को सृजित करने के लिए इंटीग्रेटिड डिफेंस स्टाफ बनाया. जिसे CDS सचिवालय के तौर पर काम करना था।

फिर दस साल बाद साल 2012 में सीडीएस को लेकर नरेश चंद्र समिति ने स्टाफ कमेटी के स्थायी अध्यक्ष को नियुक्त करने की सिफारिश की. इसके बाद से ही चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) पद के लिए पूरा मसौदा तैयार करने की कवायद चल रही थी, जिसे साल 2014 के बाद एनडीए सरकार ने तेज कर दिया।

बिपिन रावत बने देश के पहले सीडीएस
केंद्र की एनडीए सरकार ने साल 2019 में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानी CDS का पद सृजित कर दिया. भारतीय सेना के प्रमुख बिपिन रावत 30 दिसंबर 2019 को देश के पहले सीडीएस बनाए गए. तभी से वे इस पद पर रहकर कार्य कर रहे थे।

सीडीएस पद के प्रावधान
सीडीएस (CDS) पद पर तैनात अधिकारी का वेतन और सुविधाएं अन्य सेना प्रमुखों के बराबर रखी गई हैं। किसी सेना प्रमुख को सीडीएस बनाए जाने पर आयु सीमा का नियम बाधा न बने, इसीलिये सीडीएस पद पर रहने वाले अधिकारी अधिकतम 65 वर्ष की आयु तक इस पद पर काम कर सकेंगे। यानी अब सेना प्रमुख अधिकतम 62 वर्ष की आयु या 3 वर्ष के कार्यकाल तक अपने पद पर रह सकते हैं। इसके लिए केंद्र सरकार ने सेना के नियम 1954, नौसेना (अनुशासन और विविध प्रावधान) विनियम 1965, सेवा की शर्तें और विविध विनियम 1963 और वायु सेना विनियम 1964 में संशोधन किया है।

सीडीएस की जिम्मेदारियां
सेना के तीनों अंगों के मामले में रक्षा मंत्री के प्रमुख सैन्य सलाहकार के रूप में सीडीएस काम करते हैं। वह रक्षा मंत्री की अध्‍यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की अध्‍यक्षता वाली रक्षा नियोजन समिति के सदस्‍य होते हैं. साथ ही सीडीएस परमाणु कमान प्राधिकरण के सैन्य सलाहकार भी होते हैं. एकीकृत क्षमता विकास योजना के तहत सीडीएस रक्षा से जुड़ी पूंजीगत अधिग्रहण पंचवर्षीय योजना और दो वर्षीय सतत् वार्षिक अधिग्रहण योजना को भी कार्यान्वित करते हैं।

खर्च कम करके सशस्‍त्र बलों की युद्ध क्षमता बढ़ाने और तीनों सेनाओं के कामकाज में सुधार लाने का काम भी सीडीएस की जिम्मेदारी है. सीडीएस रक्षा मंत्रालय के तहत बनाए गए सैन्य मामलों के विभाग (DMA) के सचिव के रूप में कार्य करता है। डीएमए भारत की सशस्त्र सेना यानी थल सेना, नौसेना और वायु सेना के जुड़े मामलों पर एक साथ काम करता है।

सेवानिवृत्ति के बाद बाध्यता
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानी CDS पद से सेवानिवृत्त होने वाला शख्स किसी भी सरकारी पद को ग्रहण नहीं कर सकता. साथ ही उसे सेवानिवृत्ति के 5 वर्ष बाद तक भी बिना इजाजत कोई भी निजी रोज़गार करने का अधिकार नहीं होता।

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