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अंतिम संस्कार होने से रोका, कहा- धुएं से फैल जाएगा कोरोना

जोधपुर। कोरोना(Corona) काल में लोगों की मौत (Deaths) तो बड़ी संख्या में होती दिख ही रही है, इसके अलावा इंसानियत भी हर मोड़ पर शर्मसार हो रही है. महामारी (Pandemic) का डर कह लीजिए या फिर सिर्फ किसी को परेशान करने का एक बहाना, कुछ लोग अब श्मशान घाट में अंतिम संस्कार (Funeral) भी नहीं होने दे रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि उसके धुएं से कोरोना फैल जाएगा(Smoke will spread corona). ताजा मामला राजस्थान (Rajasthan) के जोधपुर(Jodhpur) का है जहां पर एक परिवार को अपने मृतक परिजन का अंतिम संस्कार (Funeral) सिर्फ इसलिए नहीं करने दिया गया क्योंकि वे कोविड पॉजिटिव (Covid Positive) थे.



यह मामला जोधपुर शहर के नयापुरा का है. तिलोकचंद सोनी को बीमार होने पर एमडीएम अस्पताल में भर्ती करवाया गया था जहां चार दिन उपचार के बाद सोमवार को उनकी मौत हो गई. कोरोना प्रोटोकॉल के अनुसार शव को समीप लालसागर स्थित फतेह नाडी स्थित सार्वजनिक स्वर्गाश्रम लाया गया. इस श्मशान में अलग-अलग समाज के लोगों के लिए जगह पहले से चिन्हित है. तिलोकचंद सोनी का शव का अंतिम संस्कार स्वर्णकार समाज के लिए चिन्हित जगह पर करने की पूरी तैयारी कर ली गई. एंबुलेंस शव लेकर पहुंच गई, लेकिन शव उतारने से पहले ही वहां कुछ लोग आए और बोले कि मृतक कोरोना पॉजिटिव था तो अंतिम संस्कार यहां मत करो, हमारा घर श्मशान के आसपास ही है. अंतिम संस्कार के धुएं से कोरोना वायरस फैल जाएगा. मृतक के परिवार ने काफी समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने. आखिकार मृतक के भाई मूल चंद सोनी ने बताया कि वे अंतिम संस्कार के समय किसी तरह का विवाद नहीं चाहते थे, ऐसे में फिर नागोरी गेट स्थित कागा में स्वर्णकार समाज के स्वर्गाश्रम में अंतिम संस्कार किया गया.
अब ये मामला ना सिर्फ हैरान करता है बल्कि इस बात का भी अहसास करवा जाता है कि कोरोना काल में लोग कितने संवेदनहीन हो गए है. जिस परिवार ने अपना एक सदस्य खो दिया हो, उसे अब शांति से अंतिम संस्कार करने की भी अनुमति नहीं मिल रही है. बिना किसी तथ्यों के ऊटपटांग दावे किए जा रहे हैं और उन दावों के जरिए मृतक के परिवार को परेशान करने का प्रयास हो रहा है. जोधपुर वाली घटना में भी ऐसा ही हुआ और मृतक के परिवार को पूरे 10 किलोमीटर आगे जाकर अंतिम संस्कार करवाना पड़ा.

कोरोना ने अब ऐसे दिन दिखा दिए हैं जहां पर या तो परिवार को ही प्रताड़ित किया जा रहा है या फिर परिवार ही मुश्किल समय में साथ छोड़ जाता है. कई ऐसी घटनाएं देखने को मिली हैं जहां पर मृतक का अंतिम संस्कार करने के लिए कोई आगे नहीं आता और फिर मजबूरी में कई बार या तो पुलिस या फिर दूसरे धर्म का शख्स जिम्मेदारी का निर्वाहन करता है.

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