
नई दिल्ली: आजतक डायबिटीज की बीमारी (Diabetes disease) का कोई इलाज नहीं है. ये एक बार हो जाए तो केवल इसको कंट्रोल किया जा सकता है, लेकिन अब इसका इलाज आ चुका है. एम्स के डॉक्टर (AIIMS doctors) का दावा है कि एक सर्जरी से इस बीमारी को खत्म किया जा सकता है. एम्स के सर्जरी विभाग के डॉक्टर मंजूनाथ ने दावा किया है कि डायबिटीज को महज दो घंटे की सर्जरी के बाद ठीक किया गया है.
डॉ. मंजूनाथ ने बताया कि इंटरनेशनल डायबिटीज एसोसिएशन ने भी साल 2016 में ही डायबिटीज के इलाज के रूप से इस सर्जरी को बताया था. एसोसिएशन ने कहा था कि सर्जरी से बीमारी को रिवर्स और शुगर लेवल को हमेशा के लिए कंट्रोल किया जा सकता है. उसी सर्जरी को एम्स में 30 मरीजों पर किया गया. अब उन मरीजों का शुगर लेवल कंट्रोल में है और उनको दवाएं खाने की जरूरत भी नहीं पड़ रही है. डॉ मंजूनाथ ने दावा किया कि जब दवाएं बीमारी को कंट्रोल करने में फेल हो जाती हैं, तो सर्जरी जान बचा सकती है और शुगर लेवल को कंट्रोल कर सकती है.
यह सर्जरी मोटापा घटाने वाली बैरियाट्रिक सर्जरी जैसी है. इसको मेडिकल की भाषा में Metabolic Surgery कहते हैं .इसमें सर्जरी के माध्यम से पाचन तंत्र के रास्ते को बदल दिया जाता है. इससे खाना मुंह से भोजन नली और फिर पेट में आता है. लेकिन पेट के बाद खाना डुओडेनम( पहली आंत) में नहीं जाता और सीधे छोटी आंतों ( Intestine) में चला जाता है. इससे ये फायदा होता है कि डायबिटीज के मरीज में इंसुलिन सेंसिटिविटी तुरंत बढ़ जाती है. पैनक्रियाज़ जरूरत के हिसाब से इंसुलिन बनाना शुरू कर देता है .एक या दो दिन में ही शुगर लेवल नॉर्मल हो जाता है.
डॉ. नाथ ने दावे से कहा कि सर्जरी की मदद से शुगर लेवल सामान्य हो गया और हम ये कह सकते हैं कि डायबिटीज खत्म हो गई. हालांकि इस सर्जरी के बाद जो लोग अपना लाइफस्टाइल सालों तक अगर खराब रखते हैं तो फिर डायबिटीज होने का रिस्क है, लेकिन आमतौर पर हर मरीज के साथ ऐसा होता नहीं है. अच्छे लाइफस्टाइल और खानपान से ही सालों तक शुगर लेवल कंट्रोल में रख सकता है और डायबिटीज वापिस नहीं आती है. डॉ मंजू नाथ ने कहा कि यह सर्जरी डायबिटीज को खत्म कर देती है, लेकिन केवल टाइप -2 डायबिटीज में ही ये कारगर है. जिनको टाइप-1 यानी जेनेटिक डायबिटीज है उनमें ये खास कारगर नहीं है.
डायबिटीज होने का मुख्य कारण हैं पैनक्रियाज में पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाना और शरीर का इंसुलिन के प्रति ठीक से प्रतिक्रिया न देना. जब ऐसा होता है तो खून में शुगर का लेवल बढ़ जाता है. अगर ये लंबे समय तक बढ़ा रहता है तो इसको डायबिटीज कहते हैं. गलत खानपान, मोटापा और बिगड़ा हुआ लाइफस्टाइल डायबिटीज के बड़े कारण हैं.
अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन ने शुगर लेवल के लिए कई मानक बनाए हैं और उससे ही ये निर्धारित किया जाता है कि व्यक्ति को डायबिटीज है या नहीं. इसके लिए कई मानक है. शरीर में HBAIC का लेवल, फास्टिंग यानी खाली पेट शुगर लेवल और खाने के बाद का शुगर लेवल. इन सभी केलिए टेस्ट होते हैं और उसमें अगर आपकी रेंज ज्यादा है तो ये डायबिटीज का संकेत है. हम आपको एक- एक करके डायबिटीज के मानकों के बारे में बता रहे हैं. इनमें पहला है एचबीए1सी टेस्ट
HBA1C 5.7%- नॉर्मल 5.7% to 6.4%- प्रीडायबिटीज 6.5% या इससे ज्यादा- डायबिटीज
100 mg/dL से कम नॉर्मल है यानी शुगर लेवल कंट्रोल है 100 mg/dl to 125 mg/dL है तो आप प्री- डायबिटीक हैं 126 mg/dL या इससे ज्यादा है तो आपको डायबिटीज है. 140 mg/dL से नीचे नॉर्मल यानी डायबिटीज नहीं है 140 to 199 mg/dL – प्रीडायबिटीज 200 mg/dL या इससे ज्यादा होना मतलब डायबिटीज.
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