नई दिल्ली। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर द्वारा LAC मुद्दे पर दिए बयान के बाद से सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने जुबानी हमले तेज कर दिए हैं। इसी क्रम में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी विदेश मंत्री एस जयशंकर पर हमला बोला है। उन्होंने जयशंकर के वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर किए गए दावों को ‘धोखा और झांसा’ बताया। ओवैसी ने विदेश मंत्री से सवाल किया कि अगर सरकार के पास कुछ भी छुपा नहीं है तो वह संसद में बहस से भाग क्यों रही है?
चीन के मुद्दे पर मेरे सवालों का खंडन क्यों किया जा रहा?
ओवैसी ने अपने सिलसिलेवार ट्वीट में लिखा कि अगर चीन सीमा संकट पर सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है, तो विदेश मंत्री एस जयशंकर, संसद में बहस और चर्चा से क्यों भाग रहे हैं? इस विषय पर मेरे सवालों का खंडन क्यों किया जा रहा है? मीडिया को वहां क्यों नहीं ले जाया जा रहा है? जयशंकर के तर्क को हास्यास्पद और अप्रासंगिक करार देते हुए ओवैसी ने कहा कि जयशंकर पीएम की ‘न कोई घुसा था न कोई घुसा है..’ की लाइन पर चल रहे हैं।
सरकार ने लद्दाख में क्षेत्र का नियंत्रण खो दिया है: ओवैसी
ओवैसी ने एक और ट्वीट में लिखा कि सरकार ने लद्दाख में क्षेत्र का नियंत्रण खो दिया है और तीन साल पहले की यथास्थिति को बहाल करने में विफल रही है। क्या यह कम से कम सरकार से अपेक्षित नहीं है? वे चीन से डेपसांग और डेमचोक पर चर्चा भी नहीं करवा सकते हैं।
मोदी सरकार सच्चाई से डरती है: ओवैसी
ओवैसी ने कहा कि सरकार सच्चाई से डरती है चाहे वह “चीन के साथ लद्दाख संकट” के गुजरात दंगों पर हो। “विदेश मंत्री की धौंस और झांसा चीन के साथ सीमा संकट को हल नहीं करेगा। इसे ईमानदारी और सच्चाई को स्वीकार करने की इच्छा की आवश्यकता है। मंत्री ने आज फिर दिखाया है कि मोदी सरकार सच्चाई से डरती है, चाहे 2002 के गुजरात नरसंहार पर या फिर चीन के साथ लद्दाख संकट हो।