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विदिशा में ऑक्सीजन वाली एम्बुलेंस हाईजैक, अपनों की जान बचाने लोग कर रहे अपराध

विदिशा। अपनों के लिए लोग कभी भी कुछ भी करने को तैयार रहते हैं. कई बार उन्हें सही और गलत का भी भान नहीं होता. मध्य प्रदेश(Madhya Pradesh) के विदिशा(Vidisha) जिले से एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां एक युवक ने अपनी गर्भवती पत्नी की हालत बिगड़ते देख एंबुलेंस (Ambulance) को बुलाया, एंबुलेंस (Ambulance) में ऑक्सीजन(Oxygen) थी, इसके बाद उसने एंबुलेंस (Ambulance) को ही हाईजैक (Hijack) कर लिया.
दरअसल, यह मामला मध्य प्रदेश के विदिशा जिले का है, यहां के पुतली घाट क्षेत्र के मुखर्जी नगर में स्थित कुशवाहा परिवार के यहां 4 दिन पहले कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिला को ऑक्सीजन की जरूरत थी. उसके पति ने ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था कर ली थी लेकिन बीती 11:00 बजे रात्रि से वह लगातार गुहार लगा रहा था कि घर पर एंबुलेंस आ जाए तो उसे हॉस्पिटल में एडमिट कर दे.
हालांकि उसे यह भी पता था कि अब हॉस्पिटल में नए मरीज को नहीं ले रहे और जब 108 एंबुलेंस उसके घर पहुंची तो उसने उस एंबुलेंस को ही बंधक बना लिया. लगभग 2 घंटे बंधक बनाने के बाद वहां पुलिस पहुंची और काफी मिन्नतें की.
उसकी पत्नी को बंधक बनी 108 एंबुलेंस से ही अस्पताल लाकर एडमिट कराया गया. एंबुलेंस अटेंडर दीपक ने आरोप लगाया कि पीड़िता का पति एंबुलेंस के कांच तोड़ने की और एंबुलेंस को नुकसान करने की बात भी कह रहा था.



अटेंडर ने बताया कि हमने जब अपने सीनियर से बात की तो उन्होंने कहा डायल हंड्रेड को सूचना दे दो, तब पुलिस यहां आई. विदिशा सीएसपी के मुताबिक हमारे पुलिसकर्मियों ने उन्हें समझाइश दी और बाकायदा उन्हें हॉस्पिटल लाकर एडमिट भी किया.
जानकारी के मुताबिक गर्भवती महिला 4 दिन से कोरोना थी और उसके इलाज की दरकार के लिए उसका पति सुनील शुक्रवार रात्रि 11:00 बजे से मेडिकल कॉलेज को लगातार फोन लगा रहा था कि 108 एंबुलेंस भेज दी जाए. पूरी रात्रि में एंबुलेंस नहीं आई बल्कि 108 एंबुलेंस दूसरे दिन 9:30 बजे सुनील कुशवाहा के घर पहुंची.
पीड़िता के पति सुनील का कहना है कि मेरी पत्नी गर्भवती है मैं 1 दिन पहले से ही एंबुलेंस के लिए फोन लगा रहा हूं. अटेंडर बार-बार कह रहा था आ रहा हूं आ रहा हूं लेकिन वह नहीं आया.
सुनील ने बताया कि इसी बीच मैंने ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था भी कर ली थी. जब अटेंडर नहीं आया तो मैंने ग्यारसपुर के अस्पताल में किसी डॉक्टर से भी चर्चा कर ली थी. लेकिन एंबुलेंस दूसरे दिन आई तब मैंने उसे 2 घंटे के लिए रोक लिया.
सीएसपी विदिशा के मुताबिक ऐसा मामला हमारे संज्ञान में आया था. हमारे पुलिसकर्मियों ने वहां पहुंचकर मामले को समझाया जहां एक व्यक्ति ने एंबुलेंस रोक रखा था. इलाज के लिए ग्यारसपुर ले जाने की बात कह रहा था लेकिन पुलिसकर्मियों की समझाइश पर बाद में उसे लाकर अस्पताल में एडमिट करा दिया गया है.

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