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पाकिस्तान के मंत्री फवाद चौधरी बयान से पलटे, कहा-पुलवामा नहीं 26 फरवरी हमले का किया था जिक्र


नई दिल्ली। पाकिस्तान की इमरान खान सरकार में मंत्री फवाद चौधरी का एक बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने माना है कि पुलवामा में CRPF के काफिले पर हुए हमले में पाकिस्तान का हाथ था। उन्होंने कहा कि पुलवामा हमला पाकिस्तान की कामयाबी है। फवाद चौधरी ने पुलवामा हमले का श्रेय इमरान खान और उनकी पार्टी PTI को दिया। उन्होंने कहा कि पुलवामा हमला इमरान खान के लिए एक उपलब्धि है। लेकिन अब वो इस बात से साफ इनकार कर रहे हैं।

फवाद चौधरी ने कहा कि दो वाक्ये हुए थे एक 14 फरवरी को हुआ था जबकि दूसरा 26 फरवरी को हुआ था। मैंने अपनी स्पीच में जिस घटना का जिक्र किया है वो 26 फरवरी की है। जब हिंदुस्तान ने जुर्रत की थी पाकिस्तान की सीमा में घुसने की और उसके बाद हमने उसका मुंहतोड़ जवाब दिया था। हमारे जो जेफ-थंडर लड़ाकू जहाज हैं, उन्होंने आपके जहाजों को तबाह किया था और अभिनंदन को पकड़ा था।

फवाद चौधरी ने कहा कि मेरी पूरी स्पीच पढ़ेंगे या सुनेंगे तो बात क्लियर हो जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 14 फरवरी को जो हुआ वह निश्चित तौर पर दहशतगर्दी थी। इस पर हमारे प्राइम मिनिस्टर ने भी बात की थी। हमने आपको ऑफर किया था कि आप आइए, सबूत दीजिए, साथ में पड़ताल करते हैं, लेकिन आपने वह भी नहीं किया। प्रॉब्लम ये है कि हिंदुस्तान के अंदर पाकिस्तान को लेकर बहुत गुस्सा है जबकि पाकिस्तान में हिंदुस्तान को लेकर ऐसा नहीं है।

फवाद ने आगे कहा कि जब से हिंदुस्तान में मोदी सरकार आई है तब से जंग की बात कुछ ज्यादा ही हो रही है। हर बात पे कहते हैं कि चीन से जंग लड़ लें, पाकिस्तान से जंग लड़ लें, बांग्लादेश से जंग लड़ लें, नेपाल से जंग लड़ लें। समझ नहीं आता कि हिंदुस्तान जंग में इतना क्यों जाना चाहता है।

संसद में पूर्व स्पीकर अयाज सादिक के बयान का जिक्र करते हुए जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ऐसे बयान राजनेता एकदूसरे पर तंज कसने के लिए दे देते हैं। उन्होंने जो बयान दिया था उसमें आर्मी चीफ का जिक्र नहीं किया गया था उसमें हमारे विदेश मंत्री की बात कही गई थी और उन्होंने ऐसी बात इसलिए कही क्योंकि वो हमारे खिलाफ हैं। जैसे हिंदुस्तान में राजनेता एकदूसरे की टांग खींचते रहते हैं वैसे ही पाकिस्तान में भी है। उन्होंने आर्मी चीफ का नाम नहीं लिया था। लोगों को पता है कि बाजवा ऐसा बंदा नहीं है, उसे पता है कि उसे कब क्या करना है, वो टांगे कांपने वाला बंदा नहीं है।

जब फवाद को उनका पूरा बयान सुनाया गया और उनसे पूछा गया कि इसमें आपने पुलवामा का जिक्र क्यों किया तो उन्होंने कहा कि दरअसल ये पूरा मामला पुलवामा के बाद हुआ इसलिए ऐसा कहा था। जैसे आप 65 और कारगिल के युद्ध में कहते हैं। मैं किसी आतंकवादी घटना का सपोर्ट नहीं करता न कभी करूंगा। 26 फरवरी को जो एयर स्ट्राइक हुई उसका पाकिस्तान ने मुंहतोड़ जवाब दिया था फिर इसके आगे अगर कभी ऐसा हुआ तो हम फिर यही करेंगे।

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