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पाकिस्तानी है PFI सदस्यों के ग्रुप के एडमिन, ऐसे हुआ बड़ा खुलासा

नई दिल्ली: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को बैन करने के बाद अब इसकी गहनता से जांच हो रही है. आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) के अधिकारियों ने बताया कि मेंबरों के कई वॉट्सऐप ग्रुप (whatsapp group) हैं. इसमें से एक ग्रुप का एडमिन पाकिस्तान (group admin pakistan) से है. उसे देश विरोधी हरकतों के लिए गिरफ्तार (Arrested) किया गया था. उन पर भारत में कानून और व्यवस्था की समस्या पैदा करने की योजना बनाने का आरोप लगा है.

एटीएस अधिकारियों ने यह भी पाया कि उस वॉट्सऐप ग्रुप में 175 अधिक मेंबर हैं जिसमें से कई अफगानिस्तान और यूएई के लोग थे. कई सदस्यों ने विदेशों की यात्रा की थी और विदेशों से कई लेन-देन किए थे जिनकी वर्तमान में जांच चल रही है. पीएफआई और इससे जुड़े संगठनों को पांच साल के लिए बैन किया गया है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), महाराष्ट्र एटीएस और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने समूह पर देशव्यापी कार्रवाई की थी.

महाराष्ट्र एटीएस ने पांचों को मालेगांव, कोल्हापुर, बीड और पुणे से गिरफ्तार किया था. अधिकारियों ने जांच के लिए उनके मोबाइल फोन, कंप्यूटर की हार्ड डिस्क, लैपटॉप और उनके बैंक दस्तावेज जब्त किए और उनके बैंक खातों में संदिग्ध लेनदेन पाया. मेंबर कथित तौर पर प्रतिबंधित संगठन सिमी के समान पैटर्न में काम कर रहे थे. इस बीच, आरोपी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने अदालत को बताया कि आरोपियों में से एक आईटी इंजीनियर है और उसने काम के लिए विदेश यात्रा की थी जबकि दूसरा मौलाना है जोकि तीर्थ यात्रा के लिए गया था.


गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मालेगांव के 26 वर्षीय मौलाना सैफुर्रहमान सईद अहमद अंसारी, 48 वर्षीय अब्दुल कय्यूम बदुल्ला शेख और पुणे के 31 वर्षीय रजी अहमद खान, बीड के 29 वर्षीय वसीम अजीम उर्फ ​​मुन्ना शेख और मौला नसीसब मुल्ला के रूप में हुई है. उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

केंद्र सरकार ने पीएफआई और इससे जुड़े संगठनों पर पांच साल का बैन लगा दिया है. पूरे देश में अभी भी इस संगठन और इससे जुड़े लोग जांच एजेंसियों के रडार पर हैं. एक दिन पहले यूपी आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने मऊ में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पीएफआई (पीएफआई) के एक कार्यकर्ता को गिरफ्तार किया था. अपर पुलिस अधीक्षक त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी ने बताया कि मऊ कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले पीएफआई के सक्रिय कार्यकर्ता नासिर कमाल को एटीएस ने स्थानीय पुलिस की मदद से गिरफ्तार कर लिया.

उन्होंने बताया कि एटीएस नासिर कमाल की गतिविधियों पर बहुत दिनों से नजर बनाए था. नासिर ने पूछताछ में बताया कि वह पीएफआई के लिए कार्य करता है और वह पिछले दिनों हिरासत में लिए गए इस संगठन के कई लोगों को अच्छी तरह जानता है और उनसे उसके संपर्क भी रहे हैं. त्रिपाठी ने बताया कि नासिर को न्यायालय के सामने पेश किया जहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया गया.

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