मुंबई। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Commissioner Parambir Singh) ने सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को दिए अपने बयान में महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) और अनिल देशमुख पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उप मुख्यमंत्री सीएम अजीत पवार (Deputy Chief Minister CM Ajit Pawar) और एनसीपी प्रमुख शरद पवार(Sharad Pawar) पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाझे को बहाल करने के लिए उनके ऊपर दबाव डाला गया था।
दरअसल, मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने 100 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार मामले में महाराष्ट्र(Maharashtra) के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ दायर चार्जशीट में अपने बयान में कहा है कि मुंबई के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बर्खास्त किए गए मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वाझे को बहाल करने के लिए मुझ पर दबाव डाला था।
इतना ही नहीं परमबीर सिंह ने यह भी कहा कि उन्होंने सीएम उद्धव ठाकरे, डीप्टी सीएम अजीत पवार, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कुछ अन्य लोगों को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के गलत कामों के बारे में सूचित किया था, जिसके बारे में वे सभी पहले से ही जानते थे। परमबीर सिंह ने कहा कि जब वो सीएम से मिले थे तो उन्होंने सचिन वाझे को बहाल करने की मांग की थी।
परमबीर सिंह का यह बयान सीबीआई के समक्ष दर्ज हुआ है और बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाझे इस मामले में सरकारी गवाह है। उनके आरोपों के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आना तय माना जा रहा है। महाराष्ट्र सरकार की ओर से निलंबित किए जाने के बाद से परमबीर सिंह चंडीगढ़ में रह रहे हैं और उन्होंने इस बात का खुलासा चंडीगढ़ में सीबीआई पूछताछ के दौरान किया था।
बता दें कि महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार और अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगा था, जिसके बाद उन्हें पद से बर्खास्त कर दिया गया था।
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