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सरेआम पाकिस्तान-चीन को PM मोदी ने लताड़ा, गिनाई ये 17 बड़ी हरकतें

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को पाकिस्तान और चीन पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि कुछ देश अपनी विदेश नीति के तहत आतंकवाद का समर्थन करते हैं. वहीं कुछ दूसरे देश आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई को रोककर अप्रत्यक्ष रूप से ऐसा करते हैं. उन्होंने आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों को इसकी कीमत चुकाने के लिए मजबूर किए जाने का आह्वान भी किया.

पीएम मोदी केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से राजधानी स्थित होटल ताज पैलेस में आतंकवाद-रोधी वित्तपोषण पर आतंक के लिए कोई धन नहीं (नो मनी फॉर टेरर) विषय पर आयोजित तीसरे मंत्रिस्तरीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. यहां पर 70 से अधिक देशों और अतंरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने शिरकत की है.

सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे. इसमें भारत सहित दुनिया भर के लगभग 450 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. इनमें मंत्री, बहुपक्षीय संगठनों के प्रमुख और वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख शामिल हैं. इस सम्मेलन में हालांकि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के प्रतिनिधि शामिल नहीं हुए हैं. चीन को इसमें आमंत्रित किया गया था लेकिन उसका भी कोई प्रतिनिधि इसमें शामिल नहीं हुआ.

सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में उन्होंने आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति पैदा करने की कोशिश करने वाले संगठनों और व्यक्तियों को भी अलग-थलग किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा, ‘यह सर्वविदित है कि आतंकवादी संगठनों को कई स्रोतों से पैसा मिलता है. एक स्रोत किसी देश से मिलने वाली मदद है. कुछ देश अपनी विदेश नीति के तहत आतंकवाद का समर्थन करते हैं. वे उन्हें राजनीतिक, वैचारिक और वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं.’


  1. पीएम ने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय संगठनों को यह नहीं सोचना चाहिए कि युद्ध नहीं हो रहा है तो इसका मतलब शांति है. छद्म युद्ध भी खतरनाक और हिंसक होते हैं.’ ज्ञात हो कि भारत लंबे समय से कहता आ रहा है कि पाकिस्तान भारत में, खासकर जम्मू एवं कश्मीर में आतंकी हमले के लिए आतंकवादी संगठनों को हर प्रकार से मदद पहुंचाता है. मोदी ने कहा, ‘ऐसे मामलों में कोई अगर-मगर हस्तक्षेप नहीं कर सकता. आतंकवाद के हर तरह के प्रत्यक्ष और परोक्ष समर्थन के खिलाफ दुनिया को एकजुट होने की जरूरत है.’
  2. प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में आदर्श रूप से किसी को भी दुनिया को आतंकवाद के खतरों की याद दिलाने की कोई आवश्यकता नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि हालांकि कुछ हलकों में आतंकवाद के बारे में अभी भी कुछ गलत धारणाएं हैं.
  3. मोदी ने कहा कि अलग-अलग हमलों को लेकर प्रतिक्रिया की गंभीरता इस आधार पर अलग-अलग नहीं हो सकती कि यह किस जगह हुआ है. उन्होंने कहा कि सभी आतंकवादी हमलों का एक समान विरोध होना चाहिए और कार्रवाई भी एक जैसी होनी चाहिए.
  4. पीएम मोदी ने कहा, ‘इसके बावजूद कभी-कभी, आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई को अवरुद्ध करने के लिए आतंकवाद के समर्थन में अप्रत्यक्ष तर्क दिए जाते हैं.’
  5. पीएम मोदी का इशारा स्पष्ट तौर पर चीन की ओर था. मालूम हो कि चीन ने कई मौकों पर आतंकवादियों, विशेषकर भारत में आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों व संगठनों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र द्वारा कार्रवाई करने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को विफल किया है.
  6. आतंकवाद को मानवता, स्वतंत्रता और सभ्यता पर हमला करार देते हुए मोदी ने कहा, ‘ इसकी कोई सीमा नहीं होती है. हमें आतंकियों के पीछे लगे रहना चाहिए, उनके सहयोगी नेटवर्क को तोड़ना और वित्त स्रोतों पर हमला करना चाहिए. केवल एक समान, एकीकृत, शून्य सहिष्णुता दृष्टिकोण ही आतंकवाद को हरा सकता है.’
  7. मोदी ने कहा कि आतंकवाद के वित्तपोषण का एक स्रोत संगठित अपराध है जिसे अलग करके नहीं देखा जाना चाहिए.
  8. उन्होंने कहा, ‘गिरोहों के आतंकवादियों के साथ गहरे संबंध हैं. बंदूक, मादक पदार्थ और तस्करी से प्राप्त पैसे को आतंकवाद में लगाया जा रहा है… आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में संगठित अपराधों के खिलाफ कार्रवाई बेहद महत्वपूर्ण है. आतंकवाद को उखाड़ फेंके जाने तक देश चैन से नहीं बैठेगा.’
  9. पीएम ने कहा कि दशकों से विभिन्न नामों और रूपों में आतंकवाद ने भारत को चोट पहुंचाने की कोशिश की और इस वजह से देश ने हजारों कीमती जीवन खो दिए लेकिन इसके बावजूद देश ने आतंकवाद का बहादुरी से मुकाबला किया है.
  10. उन्होंने कहा, ‘हम मानते हैं कि एक हमला भी बहुत ज़्यादा है. यहां तक कि एक जिंदगी का जाना भी बहुत अधिक है… तो आतंकवाद के जड़ से उखड़ने तक हम रुकने वाले नहीं हैं.’
  11. प्रधानमंत्री ने कहा कि व्यापक रणनीति के बिना आतंकवाद के वित्त पोषण पर चोट करने का लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता और इस दिशा में अभी तक जो रणनीतिक बढ़त मिली है, वह भी कहीं पीछे छूट जाएगी.
  12. मोदी ने कहा कि संप्रभु देशों को अपनी प्रणालियों पर अधिकार है, लेकिन ‘हमें चरमपंथी तत्वों को प्रणालियों के बीच मतभेदों का दुरुपयोग करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए’.
  13. उन्होंने कहा, ‘जो कोई भी कट्टरपंथ का समर्थन करता है, उसे किसी भी देश में समर्थन नहीं मिलना चाहिए.’
  14. सम्मेलन के भारत में आयोजन की अहमियत को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा जब दुनिया ने आतंकवाद को गंभीरता से लेना शुरू किया, उससे पहले भारत ने इसकी भयावहता झेली है.
  15. मोदी ने कहा कि आतंकवाद का दीर्घकालिक स्वरूप विशेष रूप से गरीबों या स्थानीय अर्थव्यवस्था पर चोट करता है, चाहे वह पर्यटन हो या व्यापार.
  16. उन्होंने कहा कि कोई भी उस क्षेत्र में जाना पसंद नहीं करता है जो खतरे में है और इसके कारण लोगों की रोजी-रोटी छिन जाती है.
  17. पीएम मोदी ने कहा, ‘यह अधिक महत्वपूर्ण है कि हम आतंकवाद के वित्तपोषण की जड़ पर प्रहार करें.’
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