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PM मोदी आज देश को 41 हजार करोड़ की सौगात, 553 रेलवे स्टेशनों का होगा कायाकल्प

नई दिल्ली (New Delhi)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) आज देश को हजारों करोड़ रुपये की सौगात (Thousands crores rupees gift) देंगें, जिसमें कई रेलवे और बुनियादी ढांचों के विकास की परियोजनाएं (Railways and infrastructure development projects) है। प्रधानमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 41,000 करोड़ रुपये से अधिक की लगभग दो हजार रेलवे और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन और राष्ट्र को समर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री अमृत भारत स्टेशन योजना (Amrit Bharat Station Yojna) के तहत 553 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास (Redevelopment of 553 railway stations) का शिलान्यास करेंगे।


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 533 रेलवे स्टेशनों को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से चुना गया है। स्टेशनों का 19,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से पुनर्विकास किया जाएगा। स्टेशनों पर यात्रियों को आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इनमें छत, प्लाजा, सुंदर भूदृश्य, इंटर मॉडल कनेक्टिविटी, बेहतर आधुनिक फेकेड, बच्चों के खेलने का क्षेत्र, कियोस्क, फूड कोर्ट आदि शामिल हैं। इन्हें पर्यावरण और दिव्यांगों के अनुकूल विकसित किया जाएगा। स्टेशन भवनों का डिजाइन स्थानीय संस्कृति, विरासत और वास्तुकला से प्रेरित होगा।

दिल्ली-पंजाब सहित कई राज्यों में होगा रेलवे का पुनर्विकास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के कई हिस्से में रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) व अंडरपास का शिलान्यास रखेंगे। निर्माण कार्य पूरा होने वाले समपार फाटकों का उद्घाटन भी करेंगे। इनमें दिल्ली का तिलक ब्रिज रेलवे स्टेशन भी शामिल है। इस कार्यक्रम के तहत उत्तर रेलवे के 92 आरओबी व आरयूबी जिसमें 56 उत्तर प्रदेश में, 17 हरियाणा में, 13 पंजाब में, दिल्ली में चार, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में एक-एक शामिल है। लखनऊ मंडल में 43, दिल्ली मंडल में 30, फिरोजपुर मंडल में 10, अंबाला मंडल में सात और मुरादाबाद मंडल में दो आरओबी व आरयूबी का शिलान्यास किया जाएगा। दरअसल लेवल क्रॉसिंग को खत्म करना ट्रेन संचालन के लिए प्राथमिकता है।

फाटक व्यवस्था को खत्म करने की दिशा में काम
गौरतलब है कि मानवयुक्त समपार फाटकों को खत्म की दिशा में रेलवे तेजी से काम कर रहा है। इससे ट्रेनों की रफ्तार ही नहीं तेज होगी बल्कि रेल और सड़क यातायात अलग हो जाएंगे। ट्रेन की आवाजाही में भी बाधा नहीं होगी और शहर की ट्रैफिक व्यवस्था भी सुचारू रूप से चलती रहेगी। समपार फाटकों पर ट्रॉली, ट्राला व अन्य वाहनों की भीड़ भी ट्रेनों के आवगमन के कारण नहीं होगी। इससे दुर्घटनाओं में तो कमी आएगी ही, साथ ही ट्रेन से यात्रा के समय को कम किया जा सकेगा।

मानवयुक्त समपार फाटकों के खत्म होने से मालगाड़ी की आवाजाही को सुविधाजनक बनाकर आर्थिक गतिविधि को प्रोत्साहित किया जाएगा। रेलवे क्रॉसिंग पर प्रतीक्षा कर रहे वाहन शहर के प्रदूषण को बढ़ावा देते है। निर्माण पूरा होने पर पर्यावरण प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सकेगा। रेलवे रोजाना औसतन 1,200 से अधिक पैसेंजर व एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन करता है। इससे प्रतिदिन दो करोड़ यात्री सफर करते हैं।

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