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नीति आयोग की बैठक में PM मोदी का 2047 और इन अहम मुद्दों पर रहा फोकस

नई दिल्ली: नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल (Governing Council of NITI Aayog) की अहम बैठक रविवार को हुई, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने की. इस दौरान पीएम मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों (chief ministers) से मुलाकात भी की. इस दौरान प्रधानमंत्री ने कृषि विविधीकरण (agricultural diversification) के महत्व को व्यक्त किया और कहा कि खाद्य तेलों में विशेष रूप से आत्मनिर्भर होने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि हम आयात से खाद्य तेल की अपनी कुल मांग का लगभग आधा हिस्सा पूरा कर रहे हैं. इस बात की जानकारी नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने दी है.

उन्होंने कहा कि पिछले 5-6 सालों के डेटा दालों के उत्पादन में वृद्धि में तेजी से प्रगति दिखाते हैं. हम कुछ दालों का निर्यात और आयात भी कर रहे हैं. हमें केवल मसूर और अरहर की दालों में कमी है. हम अन्य दालों के मामले में आत्मनिर्भर बनने के बहुत करीब हैं. इस मीटिंग में राष्ट्रीयर शिक्षा नीति, शहरी प्रशासन जैसे विषयों, कोविड के बाद के हालात और 2047 के लक्ष्य पर भी चर्चा हुई है. इसके अलावा दाल की पैदावार और अगले साल होने वाली जी-20 की बैठक को लेकर भी चर्चा हुई है, जो भारत में होनी है. नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत का संघीय ढांचा और सहकारी संघवाद कोविड संकट के दौरान पूरी दुनिया के लिए एक मॉडल के तौर पर उभरा है.

बता दें कि जुलाई 2019 के बाद परिषद की यह पहली बैठक है जिसमें सभी प्रतिभागी आमने-सामने हैं. संचालन परिषद, नीति आयोग की शीर्ष संस्था है और इसमें राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हैं. बैठक में केंद्रीय मंत्री अमित शाह, नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह, एस जयशंकर के साथ ही उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, मध्य प्रदेश और असम के मुख्यमंत्री शामिल हुए. हालांकि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने इस बैठक का बहिष्कार किया . वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वास्थ्य कारणों से इसमें शामिल नहीं हो पाए हैं.

बैठक के दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर से कई मुद्दों को उठाया गया. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री कार्यालय ने जानकारी दी है कि मुख्यमंत्री की ओर से बैठक में राज्य में नक्सलियों के खिलाफ चलाए गए अभियानों में शामिल केंद्रीय सुरक्षाबलों पर खर्च हुए 12000 करोड़ रुपये की केंद्र सरकार से मांग की. इसके साथ ही उन्होंने वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी में छूट दिए जाने की मांग की. साथ ही उन्होंने यह भी मांग की कि मनरेगा को शहरों के पास मौजूद ग्रामीण इलाकों में चलाया जाए.

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से यह भी कहा गया है कि पीएम मोदी ने बैठक के दौरान गोधन न्याय योजना के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की तारीफ की. इसके साथ ही गाय के गोबर से वर्मी कंपोस्ट बनाने की योजना के लिए भी राज्य सरकार की तारीफ की. वहीं ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की ओर से नीति आयोग की बैठक में कहा गया कि प्राकृतिक आपदाओं से सबसे प्रभावित राज्य ओडिशा है. उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि वह ओडिशा को आपदाओं से निपटने के लिए फंड देने की व्यवस्था करे. बता दें कि आमतौर पर पूर्ण परिषद की बैठक हर साल होती है. लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण वर्ष 2020 में बैठक नहीं बुलाई गई थी.

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