भोपाल। देशभक्ति सांग फ्यूजन (Patriotic Song Fusion) में भारतीय शास्त्रीय संगीत एवं पाश्चात्य संगीत (Indian classical music and western music) के समिश्रण से मीठी-मीठी धुनों की बारिश। देश प्रेम की हिलोरें पैदा करतीं राष्ट्रभक्ति पूर्ण गीतों की रोमांचक धुनें। सुर-ताल के साथ कदम से कदम मिलाते पुलिस बैंड के जवान। मौका था राज्यपाल मंगुभाई पटेल के मुख्य आतिथ्य में शनिवार की शाम यहाँ मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित हुई ”बीटिंग द रिट्रीट” (beating the retreat) सेरेमनी का। इसी के साथ इस साल के गणतंत्र दिवस समारोह का समापन हुआ।

बता दें कि ”बीटिंग द रिट्रीट” का आयोजन अर्ध सैन्य बलों की एक सुदीर्घ प्राचीन परंपरा है। जब युद्ध के बाद सैन्य टुकड़ियां वापस अपने कैम्पों में आती थीं, तब युद्ध के तनाव को कम करने के लिए मनोरंजक बैण्ड वादन का कार्यक्रम रखा जाता था। भारत में इस कार्यक्रम के साथ ही गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों का औपचारिक समापन होता है।
प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ राजेश राजौरा, विशेष पुलिस महानिदेशक एस.ए.एफ. मिलिंद कानस्कर, पवन जैन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी, पुलिस अधिकारी भव्य एवं आकर्षक ”बीटिंग द रिट्रीट” सेरीमनी के साक्षी बने।
मनोहारी प्रस्तुतियों ने बांधा समा
”बीटिंग द रिट्रीट” सेरेमनी पुलिस ब्रास बैंड द्वारा प्रस्तुत किये गये कंसर्ट में 60 जवानों ने हिस्सा लिया। इसी तरह डिसप्ले में 89, बिगुल वादन में 20 व पाइप बैंड की प्रस्तुति में 5 कलाकार जवान शामिल थे। आरंभ में क्विक मार्च की प्रस्तुति हुई। इसके बाद बैंड ने फ्यूजन देशभक्ति में मधुर धुन निकाली। फिर पुलिस ब्रास बैण्ड द्वारा हिन्दी व अंग्रेजी क्लासिकल धुनों के साथ-साथ नई एवं पुरानी हिन्दी फिल्मों के गानों की संगीतमय प्रस्तुति दी गई। जिनमें प्रसिद्ध हिन्दी फिल्म पारसमणी ‘हस्ता हुआ नूरानी चेहरा….” तथा पेट्रीओटिक मेरा रंग दे बसंती चोला और तेरी मिट्टी में मिल जावां शामिल है। मध्यातंर के बाद फन फेयर क्विक मार्च, स्लो मार्च, ड्रमर्स कॉल व ड्रम रोल की मनोहारी प्रस्तुतियाँ हुई।
देश में ’’बीटिंग द रिट्रीट’’ कार्यक्रम आयोजित करने वाला मध्यप्रदेश एकमात्र राज्य है जहाँ प्रतिवर्ष 29 जनवरी को पुलिस द्वारा राजधानी भोपाल में कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। राष्ट्रीय स्तर पर नई दिल्ली में रायसीना हिल्स के विजय चौक पर भारतीय थल सेना, वायु सेना और जल सेना के बैण्ड दलों द्वारा वादन एवं मार्चपास्ट की आकर्षक सामूहिक प्रस्तुति राष्ट्रपति के समक्ष की जाती है।
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