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ऑक्सीजन संकट पर सियासत: देश में ऑक्सीजन से मौतों पर राज्यों के अलग-अलग सुर

नई दिल्ली। संसद में राज्यों की ओर से ऑक्सीजन (Oxygen) की किल्लत के कारण एक भी मौत का आंकड़ा नहीं मिलने के केंद्र के बयान पर राज्यों ने बुधवार को अलग-अलग सुर लगाए। आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh), दिल्ली (Delhi) जहां पूर्व में दिए अपने ही आंकड़ों से पलट गए, वहीं छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh), महाराष्ट्र (Maharashtra) ने स्वीकार किया कि उनके यहां ऑक्सीजन (Oxygen) की किल्लत से कोई मौत नहीं हुई। महाराष्ट्र सरकार ने नासिक में मौतों को एक हादसा करार दिया। 

गैर एनडीए शासित राज्यों के अलग अलग बयानों पर भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा, विपक्ष सांसों पर सियासत कर रहा है। भाजपा (BJP) प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, जैसा कि सरकार ने सदन में बताया कि स्वास्थ्य राज्यों का विषय है और मामलों व मौतों का आंकड़ा राज्य ही केंद्र को दे रहे थे। केंद्र सिर्फ उन्हें जारी करता था। ऐसे में गैर एनडीए (NDA) शासित राज्यों ने पहले कभी ऑक्सीजन की कमी से मौतों का जिक्र अपने आंकड़ों में नहीं किया और अब इस पर सियासत की जा रही है। बिहार व मध्य प्रदेश ने भी बुधवार को साफ किया कि उनके यहां ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई। 

आंध्र ने कहा- 30 जानें तो सिर्फ रुइया अस्पताल में गईं
आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) की सत्तारूढ़ तेलुगू देशम पार्टी के प्रवक्ता के पट्टाभिराम ने कहा, सरकार ने सदन में जो बताया, वह चौंकाने वाला है। उसे अपने आंकड़ों में सुधार करना चाहिए, क्योंकि केंद्र से समय पर ऑक्सीजन नहीं पहुंचने के कारण अकेले तिरुपति के रुइया अस्पताल में ही 30 लोगों से ज्यादा की सांसे थम गईं थी। इसके अलावा कई अन्य जगहों में भी कई मौतें हुईं। हमने तो ऑक्सीजन की कमी से मरने वालों के परिवारों के लिए 25 लाख रुपये के मुआवजे की मांग तक की थी। आंध्र प्रदेश कांग्रेस के नेता वी गुरुंधम ने कहा, सरकार की ढुलमुल आपूर्ति नीति के चलते पूरे प्रदेश में कम से कम 50 जानें गईं।

दिल्ली का दावा, केंद्र की खराब आपूर्ति नीति से हुई बड़ी तबाही 
दिल्ली (Delhi) के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा, केंद्र सरकार की गलत ऑक्सीजन आपूर्ति नीति ने दूसरी लहर को इतना भयावह बना दिया। राजधानी समेत कई राज्यों में ऑक्सीजन की किल्लत के लिए केंद्र जिम्मेदार है और इसके कारण बहुत सारे गंभीर कोरोना मरीजों की सांसें थम गईं। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, सरकार ने सदन में सरासर झूठ बोला है। दिल्ली में ही कई लोगों की मौत ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई। लेकिन सरकार को यह दिखता ही नहीं।

छत्तीसगढ़ में पर्याप्त ऑक्सीजन था, किल्लत से कोई मौत भी नहीं: देव
छत्तीसगढ़ (Chattisgarh) के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा, दूसरी लहर के दौरान उनके  राज्य में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं रही और किल्लत के चलते किसी की मौत नहीं हुई। प्रबंधन को लेकर कुछ मुश्किलें जरूर रही हो सकती हैं लेकिन ऑक्सीजन की कमी से कोई जान नहीं गई। वहीं तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन ने भी कहा कि उनके यहां ऑक्सीजन की किल्लत से कोई मौत नहीं हुई। हमने सुनिश्चित किया कि सरकारी व निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी न होने पाए। इसके अलावा बिहार ने भी स्वीकार किया वहां ऑक्सीजन की किल्लत से कोई मौत नहीं हुई। 

महाराष्ट्र में भी नहीं हुई कोई मौत नासिक में हादसा हुआ था: टोपे 
महाराष्ट्र (Maharashtra) के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा, राज्य सरकार ने कभी भी ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत का आंकड़ा नहीं भेजा। नासिक के अस्पताल में 22 लोगों की मौत गैस रिसाव के कारण हुई थी, यह एक हादसा था न कि ऑक्सीजन की किल्लत। हालांकि इसे पहले शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा था कि केंद्र झूठ बोल रहा है और मृतकों के परिजनों को सरकार के खिलाफ अदालत जाना चाहिए। 

भारती के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाने की तैयारी में कांग्रेस 
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार पर संसद में झूठी सूचना देने का आरोप लगाते हुए कहा, पार्टी उनके खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव लाएगी। उन्होंने कहा, हमने देखा कि राज्यों में ऑक्सीजन की किल्लत से कितने लोगों ने जान गंवाई लेकिन सरकार की मंत्री संसद में झूठ बोलकर देश को गुमराह कर रही हैं। सरकार का कोरोना प्रबंधन का यही तरीका है। 

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