
नई दिल्ली: भारत (India) के विदेशी व्यापार (Foreign Trade) में बंदरगाहों (Ports) की भूमिका काफी बड़ी है. विदेशी व्यापार का लगभग 95 प्रतिशत हिस्सा समुद्री मार्गों और बंदरगाहों से होता है ऐसे में केंद्र सरकार (Central Government) की तरफ से बंदरगाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक अहम फैसला लिया गया है. इसको लेकर एक वैधानिक निकाय ‘बंदरगाह सुरक्षा ब्यूरो’ का गठन किया जाएगा. इस निकाय के जरिए बंदरगाहों और यहां की सुरक्षा से जुड़े मामलों की समय-समय पर जानकारी ली जाएगी. सूचनाओं के आधार पर इसका विश्लेषण किया जाएगा. साथ ही यहां से व्यापार और सुरक्षा को और गंभीरता से सुनिश्चित किया जाएगा. इसके बारे में अधिकारियों की तरफ से जानकारी दी गई है.
आधिकारिक बयान के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की तरफ से इसको लेकर एक बैठक बुलाई गई. बंदरगाहों की सुरक्षा के लिए समर्पित इस निकाय के गठन से जुड़ी चर्चा में बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू भी शामिल हुए. गृहमंत्री अमित शाह ने देश में मजबूत बंदरगाह सुरक्षा ढांचे की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने निर्देश दिया है कि सुरक्षा उपायों को क्रमबद्ध और जोखिम-आधारित तरीके से लागू किया जाए.
बैठक में कहा गया कि बंदरगाह सुरक्षा ब्यूरो ढांचे को नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) की तर्ज पर इसे बनाया जाएगा. ऐसे में इसका एक महानिदेशक होगा. यह ब्यूरो बंदरगाह, नौवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय के भीतर काम करेगा. यह ब्यूरो जहाज और बंदरगाह सुविधाओं की सुरक्षा से जुड़े नियम और इसकी निगरानी से जुड़े काम के लिए जिम्मेदार होगा.
इसका नेतृत्व एक आईपीएस अधिकारी करेगा. एक साल के लिए जहाजरानी के महानिदेशक बीओपीएस के महानिदेशक की जिम्मेदारी संभालेंगे. बंदरगाह सुरक्षा ब्यूरो सुरक्षा से जुड़ी जानकारी का समय पर विश्लेषण होगा. इससे बढ़े और कम हुए खतरों का आंकलन किया जा सकेगा. इसके डेटा और आंकड़ों को उठाया जाएगा. यह साइबर सुरक्षा पर विशेष ध्यान केंद्रित करेगा. एक समर्पित विभाग भी होगा जो डिजिटल खतरों से बंदरगाह आईटी अवसंरचना की सुरक्षा करेगा. सरकार ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल को एक मान्यता प्राप्त सुरक्षा संगठन नियुक्त किया है. बंदरगाह सुविधाओं के लिए सुरक्षा आकलन एवं सुरक्षा योजनाओं की तैयारी का जिम्मा संभालेगा.
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