
नई दिल्ली: बिहार (Bihar) विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) की नई राजनीतिक पार्टी जनसुराज (JSP) की वास्तविक ताकत और कमजोरी दोनों को सामने ला दिया है. राज्य-स्तर (State Leval) पर पार्टी को 3.44% वोट शेयर हासिल हुआ और इसने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन (CPI(ML)L) 3.05% जैसे पुराने दल को पीछे भी छोड़ दिया, जिससे एक वक्त ऐसा लगा कि जनसुराज बिहार की राजनीति में एक नई संभावना के तौर पर उभर रही है. लेकिन जब नतीजों की सीट-दर-सीट पड़ताल हुई तो तस्वीर पूरी तरह बदल गई.
238 सीटों में से 68 सीटों पर JSP के मुकाबले NOTA को ज्यादा वोट मिले. इसका साफ मतलब है कि एक बड़े हिस्से ने जनसुराज को विकल्प मानने की बजाय “किसी को नहीं” वाले विकल्प को तरजीह दी. यह किसी भी नई पार्टी के लिए बेहद गंभीर संकेत है और बताता है कि राज्य-स्तर पर पहचान बढ़ने के बावजूद स्थानीय स्तर पर JSP अभी बेहद कमजोर है.
जनसुराज पार्टी को पूरे बिहार में 3.44% वोट मिले, जो पहली बार चुनाव लड़ने वाली किसी भी नई पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण शुरुआत मानी जा सकती है. वोट शेयर के मामले में JSP ने CPI(ML)(L) को पीछे छोड़ा और राज्य में सातवें स्थान पर रही. उससे ज्यादा वोट सिर्फ RJD, BJP, JD(U), कांग्रेस, LJP (RV) और निर्दलीयों को मिले.
RJD 22.76% BJP 20.87% JD(U) 18.91% कांग्रेस 8.46% LJP (RV) 5.11% निर्दलीय 4.66% लेकिन यह आंकड़ा तभी कारगर साबित होता, अगर सीट स्तर पर भी पार्टी अपना असर दिखा पाती. पूरी तस्वीर तब बदली जब सीट-दर-सीट जनसुराज का प्रदर्शन बेहद कमजोर नजर आने लगा.
जनसुराज 238 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरी, पर इनमें से 68 सीटों पर उसे NOTA ने मात दे दी. यानी लगभग 28.6% सीटों पर जनसुराज के उम्मीदवारों से ज्यादा वोट लोगों ने NOTA को दिए. यह स्थिति बताती है कि कई क्षेत्रों में JSP की स्वीकार्यता इतनी कम रही कि लोग किसी भी उम्मीदवार को चुनने के बजाय ‘किसी को नहीं’ चुनने में ज्यादा सहज दिखे. नई पार्टी होने के कारण यह स्थिति जनसुराज के लिए एक गंभीर चुनौती की तरह है. यह दर्शाता है कि प्रशांत किशोर का राज्यभर का अभियान और जनसंपर्क यात्रा स्थानीय स्तर पर वोटों में परिवर्तित नहीं हो सकी.
238 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने वाली प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी को 68 सीटों पर नोटा से भी कम वोट मिले. उदारण के तौर पर अलीनगर में बिप्लव कुमार चौधरी को कुल 2275 वोट हासिल हुए जबकि नोटा पर 4751 मतदाताओं ने बटन दबाया. इसी तरह अमरपुर में सुजाता वैद्य को 4789 वोट हासिल हुए जबकि नोटा पर 6017 लोगों ने बटन दबाया. अररिया विधानसभा सट पर फरहत आरा बेगम को 2434 वोट हासिल हुए जबकि नोटा पर 3610 लोगों ने भरोसा जताया. अत्रि विधानसभा सीट से शैलेंद्र कुमार को 3177 वोट मिले जबकि नोटा पर 3516 मतदाताओं ने भरोसा जताया. औरंगाबाद में नंद किशोर यादव के पक्ष में 2755 वोट पड़े जबकि नोटा पर 3352 मतदाताओं ने बटन दबाया. कोचाधामन विधानसभा सीट पर जनसुराज उम्मीदवार अबु अफ्फान फारुकी को 1976 वोट मिले जबकि नोटा पर 2039 मतदाताओं ने भरोसा जताया.
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