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राजस्थानः कांग्रेस में परिवारवाद, नेताओं ने बेटे-बेटियों को बनवाया डेलिगेट

उदयपुर। कांग्रेस (Congress) परिवारवाद (familism) के मसले पर सियासी गलियारों में घिरती रही है. विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) (Bharatiya Janata Party (BJP)) परिवारवाद के मसले पर कांग्रेस को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ती. कांग्रेस भी इसे बखूबी समझती है. कांग्रेस के उदयपुर चिंतन शिविर (Udaipur Contemplation Camp) के बाद डिक्लरेशन में भी पार्टी की ओर से परिवारवाद से दूरी बनाने की बात कही गई थी लेकिन राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) के नेता ही परिवारवाद के जंजाल से बाहर नहीं निकल पा रहे।

राजस्थान में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्यों में नेताओं के परिवार वालों की भरमार है. कांग्रेस का अध्यक्ष चुनने (Electing Congress President) के लिए होने वाले चुनाव में यही सदस्य वोट डालेंगे. हर विधानसभा से दो डेलीगेट बनाने थे. ऐसे में राजस्थान कांग्रेस के नेताओं ने एक तो खुद को डेलिगेट बना लिया और दूसरा अपने परिवार के किसी सदस्य या किसी रिश्तेदार को बना दिया।


राजस्थान कांग्रेस के कई नेताओं ने अपने बेटे और रिश्तेदारों को पीसीसी सदस्य बनाकर सक्रिय राजनीति में लॉन्चिंग कर दी है। इनमें खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ उनके बेटे वैभव गहलोत को भी पीसीसी सदस्य बनाया गया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अलावा राजस्थान कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के बेटे या पत्नी भी पीसीसी सदस्य बनाए गए हैं।

कांग्रेस विधायक नरेंद्र बुडानिया के बेटे अमित बुडानिया तारानगर से सदस्य बनाए गए हैं. विधायक महेंद्र चौधरी और उनकी पत्नी सुनीता चौधरी भी सदस्य बनाए गए हैं. रघु शर्मा के बेटे सागर शर्मा, विधायक दीपेंद्र सिंह और उनके बेटे बालेंदु सिंह, मंत्री मुरारीलाल मीणा और उनकी पत्नी सविता मीणा, सचिन पायलट और रमा पायलट भी पीसीसी के सदस्य बने हैं।

विधायक दिव्या मदेरणा और लीला मदेरणा, बद्री जाखड़ और उनकी बेटी मुन्नी गोदारा बाबूलाल बैरवा के बेटे अवधेश बैरवा भी पीसीसी के सदस्य बनाए गए हैं. आलोक बेनीवाल की पत्नी सविता बेनीवाल, मंत्री लालचंद कटारिया के भाई की पत्नी रेखा कटारिया, मंत्री राजेंद्र यादव के बेटे मधुर यादव, विधायक मीना कंवर के पति उम्मेद सिंह भी पीसीसी के सदस्य बन गए हैं।

अशोक गहलोत सरकार के मंत्री और विधायक भी इस होड़ में पीछे नहीं हैं. गहलोत सरकार की मंत्री जाहिदा खान के पति जलिस खान और बेटे को पीसीसी सदस्य बनाया गया है. निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर के बेटे विकास नागर, निर्दलीय विधायक राजकुमार गौड़ और उनके बेटे विकास गौड़ के साथ ही गिरिजा व्यास के भाई गोपाल शर्मा को भी पीसीसी सदस्य बनाया गया है।

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