
नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party)अब तक अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष(National President) को लेकर अंतिम फैसला (final call)नहीं ले सकी है। हालांकि, अब कहा जा रहा है कि इस पद पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अपनी दावेदारी मजबूत कर ली है। इसकी बड़ी वजह बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा का शानदार प्रदर्शन है। हालांकि, इसे लेकर पार्टी ने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है। भाजपा ने बिहार में प्रधान को चुनाव प्रभारी बनाया था।
टेलीग्राफ की रिपोर्ट में सत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि बिहार में यह जीत भाजपा और आरएसएस में अध्यक्ष पद को लेकर जारी खींचतान खत्म करने में मदद कर सकती है। उन्होंने कहा कि संगठन क्षमता और चुनाव प्रबंधन ने उन्हें इस पद की दौड़ में आगे कर कर दिया है। चुनाव से पहले वह लंबे समय तक बिहार में रहे। एक ओर जहां उन्होंने बागियों को नामांकन वापस लेने में मनाया। वहीं, कैडर को भी मजबूत करने में सफलता हासिल की है।
रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी सूत्र बताते हैं कि हरियाणा, महाराष्ट्र और अब बिहार चुनाव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की जोड़ी को मजबूती दी है, जिसपर लोकसभा चुनाव के दौरान मिले झटके के चलते असर पड़ा था। अखबार से बातचीत में एक केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘मोदी जी अब आरएसएस को मनाने में सफल हो सकते हैं कि भाजपा का अध्यक्ष उनकी चॉइस का हो।’
एक और नाम था आगे
जुलाई में इस पद के लिए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का नाम भी आगे चल रहा था। रिपोर्ट के अनुसार, जब भाजपा ने यादव और प्रधान का नाम आगे बढ़ाया, तो आरएसएस ने मंजूरी देने से पहले विचार विमर्श की जरूरत बताई थी। कहा जाता है कि प्रधान ने ही ओडिशा विधानसभा चुनाव में भाजपा को बीजू जनता दल से अलग होकर चुनाव लड़ने के लिए मनाया था, जिसके बाद भाजपा राज्य में सत्ता बनाने में सफल हुई।
रिपोर्ट में एक भाजपा नेता के हवाले से बताया गया है, ‘इससे पहले संकेत मिल रहे थे कि दक्षिण से नेता भाजपा अध्यक्ष बना सकता है। उप राष्ट्रपति पद के लिए सीपी राधाकृष्णन के चुनाव के बाद यह माना जाने लगा है कि पार्टी प्रमुख उत्तर से होगा।’ मौजूदा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा का तीन साल का कार्यकाल जनवरी 2023 में खत्म हो चुका था, लेकिन लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विस्तार दिया गया।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved