नागदा। गुना के साधु के साथ मारपीट के बाद उठी शासकीय गोचर भूमि की जाँच की मांग के बाद प्रशासन एक्शन में आ गया। गुरुवार को राजस्व विभाग के पांच सदस्यीय दल ने नायन डेम आश्रम के आसपास भूमि का सीमांकन किया। करीब तीन घंटे चले सीमांकन के चलते टीम ने खासकर दो सर्वे नंबरों को जांचा।
आज शुक्रवार को सीमांकन की रिपोर्ट बनाकर तहसीलदार को सौंपी जाएगी। तहसीलदार वरिष्ठ अधिकारियों को रिपोर्ट पुटअप करेंगे। इधर, राजस्व विभाग द्वारा की गई जांच से महंत नारायणदास महात्यागी ने असंतोष व्यक्त करते हुए एसएलआर से नपती की मांग की है। इसके साथ ही शासन द्वारा आवंटित पट्टों को निरस्त करने की माँग भी की है। दरअसल, शासकीय सर्वे नंबर 1 और 16 को लेकर शिकायत राजस्व विभाग के पास पहुँची थी जिसके बाद गुरुवार को एक आरआई व चार पटवारियों की कुल पाँच सदस्यीय टीम गुरुवार को मौका स्थिति देखने पहुँची। प्रारंभिक जाँच में यह सामने आया है कि दोनों सर्वे नंबर की जमीने बंदोबस्त से पहले खाल-खाद्दर की होकर शासकीय थी। फिर शासन की किसी योजना के तहत करीब साढ़े नौ बीघा जमीन व्यवस्थापन के नाम पर शेखावत परिवार को आवंटित की गई थी। शेष जमीन पशु विश्राम के होकर अब भी शासकीय रिकॉर्ड में दर्ज हैं। वर्तमान स्थिति के अनुसार व्यवस्थापन के नाम पर शेखावत परिवार को आवंटित भूमि पर ब्रिज, सड़क, छट घाट आदि निर्मित है, वहीं पशु विश्राम की जगह पर आश्रम निर्मित है जिसमें मंदिर, बगीचा, यज्ञशाला आदि है। पशु विश्राम की शेष जगह पर अन्य लोगों का अतिक्रमण पाया गया है।
इनका कहना
शिकायत पर दल बनाकर सीमांकन किया है। दल रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। जिसे वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपी जाएगी।
मुकेश सोनी, तहसीलदार, नागदा
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