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SA vs Ind: अफ्रीका ने 2-1 से जीती सीरीज, भारत को सात विकेट से हराया

केपटाउन। साउथ अफ्रीका (South Africa) ने टेस्ट सीरीज में पिछड़ने के बाद 2-1 से जीत हासिल की। टीम ने शुक्रवार को तीसरे टेस्ट (India vs South Africa) में भारत को 7 विकेट से हराया। यह मुकाबला 4 ही दिन में खत्म हो गया. भारत ने साउथ अफ्रीका को 212 रन का लक्ष्य दिया था. कीगन पीटरसन (Keegan Petersen) ने दूसरी पारी में 82 रन बनाकर टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।

भारत ने पहली पारी में 223 जबकि दूसरी पारी में 198 रन बनाए थे. साउथ अफ्रीका ने पहली पारी में 210 रन का स्कोर खड़ा किया था. सीरीज का पहला टेस्ट भारत ने जीता था. लेकिन मेजबान टीम ने अंतिम दोनों टेस्ट जीतकर सीरीज पर कब्जा किया. भारतीय टीम यहां 30 साल में कभी भी टेस्ट सीरीज नहीं जीत सकी है. अब दोनों देशों के बीच 19 जनवरी से तीन मैचों की वनडे सीरीज खेली जाएगी.


मैच के चौथे दिन साउथ अफ्रीका ने दूसरी पारी में 2 विकेट पर 101 रन से आगे खेलना शुरू किया. कीगन पीटरसन 48 रन पर नाबाद थे. उन्होंने दिन के दूसरे ओवर में सीरीज का अपना तीसरा अर्धशतक पूरा किया. उन्हाेंने पहली पारी में भी शानदार 72 बनाए थे. 59 रन पर पीटरसन का कैच पहली स्लिप पर चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) ने टपकाया. अगर यह कैच पकड़ लिया जाता मैच रोमांचक हो सकता था, क्योंकि इसके बाद भी साउथ अफ्रीका को 86 रन की जरूरत थी.

कीगन पीटरसन और रासी वान डुसैन (Rassie van der Dussen) ने तीसरे विकेट के लिए 54 रन जोड़े. इससे पहले पीटरसन ने दूसरे विकेट के लिए एल्गर के साथ भी अर्धशतकीय साझेदारी की थी. पीटरसन ने 113 गेंद पर 82 रन बनाए. 10 चौके जड़े. उन्हें शार्दुल ठाकुर ने बोल्ड किया. लंच तक स्कोर 3 विकेट पर 171 रन था. डुसैन 41 और टेंबा बावुमा 32 रन बनाकर नाबाद रहे. दोनों ने नाबाद 57 रन जोड़े. टीम ने लक्ष्य को 63.3 ओवर में हासिल कर लिया. एल्गर ने भी दूसरी पारी में 30 रन का योगदान दिया.

इससे पहले साउथ अफ्रीका ने दूसरा टेस्ट भी 7 विकेट से जीता था. तब उसे 240 रन का लक्ष्य मिला था. लेकिन भारतीय गेंदबाज दूसरी पारी में सिर्फ 3 विकेट ले सके थे. इस बार भी भारतीय गेंदबाज दूसरी पारी में सिर्फ 3 विकेट ले सके. टीम के पास जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और उमेश यादव जैसे अनुभवी गेंदबाज थे, लेकिन वे साउथ अफ्रीका के युवा और कम अनुभवी बल्लेबाजों के आगे फिसड्‌डी साबित हुए.

इस मैच की बात की जाए तो कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) और ऋषभ पंत (Rishabh Pant) के अलावा सभी बल्लेबाज फेल रहे. कोहली ने पहली पारी में 79 रन बनाए थे. इस कारण टीम 200 रन का आंकड़ा छू सकी थी. चेतेश्वर पुजारा ने भी 43 रन का योगदान दिया था. दूसरी पारी में पंत ने नाबाद 100 रन बनाए थे. अन्य कोई बल्लेबाज 30 रन के आंकड़े को नहीं छू सका था. कोहली ने दूसरी पारी में 29 रन बनाए. केएल राहुल ने 12, 10, मयंक अग्रवाल ने 15, 7 और अजिंक्य रहाणे ने 9 और 1 रन बनाए. पहली पारी में बुमराह ने 5 विकेट झटके थे. लेकिन दूसरी पारी में कोई भी कमाल नहीं कर सका.

आर अश्विन (R shwin) तीसरे टेस्ट में कोई विकेट नहीं ले सके. वे मैच में बल्ले से योगदान नहीं दे सके. ऑफ स्पिनर ने पहली पारी में 2 और दूसरी पारी में 7 रन बनाए थे. ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर भी तीसरे टेस्ट में कमाल नहीं कर सके. दूसरे टेस्ट की पहली पारी में उन्होंने 7 विकेट झटके थे।

मुझे अपनी टीम पर गर्व है: एल्गर
दक्षिण अफ्रीका के कप्तान डीन एल्गर ने भारत से तीसरा टेस्ट सात विकेट से और सीरीज 2-1 से जीतने के बाद कहा कि उन्हें अपनी टीम पर गर्व है। एल्गर ने मैच के बाद कहा,’ मैं बहुत उत्साहित हूं। मुझे अपनी टीम पर गर्व है। इस सीरीज़ में कई बार हम पिछड़ रहे थे लेकिन टीम को आत्मविश्वास था कि हम पलटवार कर सकते हैं। मैं बहुत ख़ुश हूं। खिलाड़ियों को चुनौती देना अहम था।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार हमारे गेंदबाज़ी आक्रमण ने पिछले दो मैचों में गेंदबाज़ी की है वह लाजवाब है। हमारे पास युवा खिलाड़ी हैं जिन्हें अनुभव मिल रहा है। हमने दिखाया कि कैसे बिना सुपरस्टार खिलाड़ियों के भी हम साथ आकर कमाल कर सकते हैं। मैं नहीं बता सकता कि मैंने क्या चुनौतियां दी लेकिन मुझे उनके साथ कठिन चर्चा करनी पड़ी। यह देखकर अच्छा लगा कि अनुभवी खिलाड़ियों ने उस बात को समझा और मैदान पर उसका जवाब दिया। हमने एक टीम के रूप में क्रिकेट खेला जो हमारे लिए सफल साबित हुआ। पिछले दो मैचों में भी एक टीम के तौर पर हम आगे बढ़े हैं। अगर आपको विश्व की नंबरएक टीम बनना है तो आपको मज़बूत टीमों को हराना होगा। मैं यह कह सकता हूं कि मैंने अगली सीरीज़ के लिए तैयारी करना शुरू कर दिया है।

प्लेयर ऑफ द मैच और प्लेयर ऑफ द सीरीज बने कीगन पीटरसन ने भावुक होते हुए कहा,’ मेरे पास शब्द नहीं हैं। मैं खुश हूं और भावुक भी। मैंने पारी में सकारात्मक पहलूओं पर ध्यान दिया और सीखता गया। मैंने आत्मविश्वास रखा और खेलता चला गया। मेरी यात्रा कठिन रही है। टेस्ट क्रिकेट में आना भी आसान नहीं था और परिस्थितियां भी मुश्किल थी। हम जानते थे कि इस विश्व स्तरीय गेंदबाज़ी आक्रमण के ख़िलाफ़ कुछ भी आसान नहीं होगा। मुझे क्रीज़ पर समय बिताने में मज़ा आया। मैं जानता था कि समय बिताने के बाद रन आएंगे।’

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