नई दिल्ली। क्रिकेट की दुनिया के भगवान कहे जाने वाले भारतीय दिग्गज सचिन तेंदुलकर का इंटरनेशनल करियर करीब 24 साल लंबा रहा और इस दौरान उनका सामना चोटों से होता रहा। उनके इंटरनेशनल करियर का पहला हाफ शानदार रहा, क्योंकि उस दौरान ऐसा पल शायद ही कभी आया, जब वह किसी एक मैच से भी बाहर रहे हो। हालांकि 1999 के बाद से सचिन एक के बाद एक चोटों की चपेट में आ गए। 1999 में पीठ में ऐंठन, 2001 में टखने में फ्रेक्चर और खतरनाक टेनिस एल्बो कुछ ऐसी चोटें हैं, जिसका सामना सचिन को अपने 24 साल के लंबे करियर के दौरान करना पड़ा।
इस दौरान एक ऐसी भी चोट थी, जिसके बारे में उन्हें करीब 4 महीने तक पता ही नहीं चला। मास्टर ब्लास्टर ने खुलासा किया कि कैसे 2007 में पाकिस्तान के खिलाफ वनडे सीरीज के दौरान वह चोटिल हो गए थे, मगर इसके बावजूद उन्होंने बल्लेबाजी जारी रखी और करीब 4 महीने बाद उन्हें अहसास हुआ कि उनकी पसली टूट गई है। 2007 में 5 वनडे और 3 टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए पाकिस्तान ने भारत का दौरा किया था।
अनएकेडमी पर एक सेशन के दौरान सचिन ने कहा कि 2007 में हम भारत में पाकिस्तान के खिलाफ खेल रहे थे और पहले ओवर में शोएब अख्तर की गेंद मेरी पसली पर लगी। यह काफी दर्दनाक था। दो महीने मैं अपने पेट के बल सो नहीं पाया, मगर मैंने ऐसे ही खेलना जारी रखा और खुद अपना चेस्ट गार्ड डिजाइन किया। मैंने बचे हुए वनडे मैच और टेस्ट सीरीज खेली। इसके बाद 2007-2008 में टीम इंडिया बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के लिए ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई। जहां चार टेस्ट मैच खेलने थे। 1-2 से सीरीज हारने के बाद टीम ने ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के खिलाफ ट्राई सीरीज खेली।
सचिन ने बताया कि कैसे उन्हें एक और चोट लगी, जिसके कारण उन्हें अहसास हुआ कि पहले से ही उनकी एक पसली टूटी हुई थी। उन्होंने कहा कि जब मैं ऑस्ट्रेलिया गया, मैं पूरी सीरीज खेला। हमनें त्रिकोणीय सीरीज खेली और जब यह खत्म होने वाली थी तो मुझे कमर में चोट लग गई। मास्टर ब्लास्टर ने कहा कि मैं भारत आ गया था और फिर पूरे शरीर का स्कैन करवाया। उस समय डॉक्टर ने इसके बारे में मुझे बताया। मैंने उनसे मेरी पसली के बारे में नहीं पूछा, क्योंकि आईपीएल शुरू होने वाला था और मैं कमर की चोट को लेकर चिंता में था, लेकिन मैं तब तक फिट नहीं हो गया और शुरुआती सात मैच छोड़ने पड़े।
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