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चमोली के रैणी गांव पहुंची एसडीआरएफ की टीम ने खोली झील

देहरादून । उत्तराखंड के चमोली जिले के रैणी गांव के ऊपरी हिस्से में करीब 350 मीटर लंबी झील बन गई है। यहां रविवार को ग्लेशियर टूटने से आपदा आई थी। यह जानकारी वहां निरीक्षण करने पहुंची एसडीआरएफ की टीम ने अपने आला अफसरों को दी है।

राज्य के पुलिस उप महानिरीक्षक (अपराध एवं कानून-व्यवस्था) नीलेश आनंद भरणे ने आज शाम बताया कि शुरुआती सूचना के मुताबिक तपोवन के पास रैणी गांव के ऊपर बनी झील के पास एसडीआरएफ की टीम पहुंच गई है। झील से पानी डिस्चार्ज हो रहा है। झील की लंबाई लगभग 350 मीटर प्रतीत हो रही है। उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ की टीम के वापस आने पर विस्तृत ब्योरा मिल सकेगा।



राज्य आपातकालीन परिचानल केंद्र (देहरादून) के मुताबिक इस बीच भारतीय सुदूर संवेदन संस्थान (देहरादून) के वैज्ञानिकों के क्षेत्र में किए गए हवाई सर्वेक्षण में रौंठी नाले में भू-स्खलन के कारण बनी झील से जल प्रवाह होने की पुष्टि हुई है। शाम को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में मौजूद वैज्ञानिकों ने इससे ऋषिगंगा और धौलीगंगा में त्वरित बाढ़ की आशंका के निदान की पुष्टि की है।

एसडीआरएफ की एक टीम सेनानायक के नेतृत्व में आठ जवानों, पांच पोटर और दो गाइडों के साथ मुरेंडा पैग घाटी पहुंच गई है। टीम ने झील से जल प्रवाह के सामान्य होने की पुष्टि की है। फिलहाल टीम क्षेत्र में हेलीपैड बनाए जाने की संभावना भी तलाश रही है।

उल्लेखनीय है रविवार को ग्लेशियर टूटने बाद आई आपदा के मलबे से अब तक अलग-अलग स्थानों से कुल 38 शव बरामद हुए हैं। उधर, तपोवन पॉवर प्लांट के टनल में फंसे लोगों की सर्चिंग के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुक्रवार को भी जारी है। हालांकि गुरुवार को दोपहर के समय धौलीगंगा का जलस्तर बढ़ने पर टनल में राहत और बचाव कार्य कुछ देर के लिए रोकना पड़ा था।

आपदा प्रभावित इलाके में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, सेना और वायु सेना की रेस्क्यू टीमें राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। वायु सेना के हेलीकॉप्टरों के जरिए प्रभावित इलाकों में खाद्य सामग्री और रेस्क्यू टीमों के लिए साजो-सामान पहुचाने का कार्य किया जा रहा है।


प्राकृतिक आपदा में लापता कुल 204 लोगों में से 38 लोगों (चमोली- 30, रुद्रप्रयाग- 06, पौड़ी गढ़वाल- 1, टिहरी गढ़वाल- 1) के शव अलग-अलग स्थानों से बरामद किए जा चुके हैं। इनमें से 11 लोगों की शिनाख्त हो गई है और 27 लोगों की शिनाख्त नहीं हो पाई है। लापता समस्त लोगों के संबंध में अब तक कोतवाली जोशीमठ में 10 एफआईआर पंजीकृत की जा चुकी है।

इसके साथ ही जनपद चमोली के विभिन्न स्थानों से ही 18 मानव अंग भी बरामद किए गए हैं। बरामद सभी शवों एवं मानव अंगों का डीएनए सैम्पलिंग और संरक्षण के सभी मानदंडों का पालन कर सीएचसी जोशीमठ, जिला चिकित्सालय गोपेश्वर एवं सीएचसी कर्णप्रयाग में शिनाख्त के लिए रखा गया था। शवों को नियमानुसार डिस्पोजल के लिए गठित कमेटी द्वारा अभी तक 23 शवों एवं 10 मानव अंगों का पूरे धार्मिक रीति रिवाजों एवं सम्मान के साथ दाह संस्कार करा दिया गया है। एजेंसी

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