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अस्पतालों के प्रबंधन और रखरखाव के लिए बनेगा अलग कैडर: शिवराज

भोपाल। हमीदिया स्थित कमला नेहरू अस्पताल (Kamla Nehru Hospital) में लगी आग की लपटें अधिकारियों तक पहुंच गई हैं. अस्पताल और कॉलेज के डीन पर कार्रवाई (Action on the dean of the hospital and college) के बाद अस्पतालों के प्रबंधन और रखरखाव(Management and maintenance of hospitals) के लिए अलग से कैडर बनाया(separate cadre) जाएगा. भोपाल में हुई सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) की बैठक में ये फैसला लिया गया, मुख्यमंत्री (CM) ने चिकित्सा शिक्षा विभाग की सिविल विंग (Civil Wing of Medical Education Department) बनाने का भी ऐलान किया है.
मेडिकल कॉलेज और उससे जुड़े अस्पतालों में मेंटेनेंस का जिम्मा सिविल विंग पर होगा. सरकार की छवि खराब करने वाले सीपीए से कमला नेहरू अस्पताल के मेंटेनेंस का जिम्मा वापस ले लिया गया है. यह जिम्मेदारी अब पीडब्ल्यूडी को सौंपी गई है. सिविल विंग का गठन होने तक पीडब्ल्यूडी मेंटेनेंस का काम देखेगा.



सीएम शिवराज ने मंत्रालय में बैठक कर शुरुआती जांच रिपोर्ट में दोषी निकले अफसरों पर एक्शन लिया है. गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ जीतेंद्र शुक्ला, हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर लोकेंद्र दवे और कमला नेहरू अस्पताल के संचालक डॉ केके दुबे को पद से हटा दिया गया. सीपीए विद्युत विंग के उपयंत्री अवधेश भदोरिया को निलंबित कर दिया. सीएम शिवराज ने अफसरों को निर्देश दिए हैं अस्पताल हादसा मामले में कोई भी तथ्य छुपाया न जाए सभी तथ्य जनता के सामने आना चाहिए.

अलग कैडर
मुख्यमंत्री ने न्यू बोर्न केयर यूनिट(new born care unit) चलाने के लिए सभी तरह की सुविधाएं रखने के निर्देश दिए. सभी जिला कलेक्टरों को अगले 10 दिन में अपने जिलों के सरकारी और निजी अस्पतालों मेडिकल कॉलेजों के फायर और इलेक्ट्रिक सेफ्टी समेत बचाव और सुरक्षा के इंतजाम की समीक्षा करने को कहा है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि अस्पतालों के मेंटेनेंस और प्रबंधन के लिए अलग से कैडर बनाया जाएगा. साथ ही अस्पतालों के सिविल वर्क बिजली व्यवस्था और उपकरणों के मेंटेनेंस के प्रबंधन में लगी एजेंसियों को दोबारा मौका नहीं दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा ऑक्सीजन के लिए स्टाफ को ट्रेनिंग दी जाए.

कमलनाथ ने सरकार पर साधा निशाना
हमीदिया हादसे पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने सरकार पर आंकड़े छुपाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा सरकार ने छोटे अधिकारियों पर कार्रवाई की है जबकि होना यह चाहिए था कि जिम्मेदार अफसरों को हटा कर उन पर हत्या का प्रकरण दर्ज किया जाता. जिम्मेदार अफसरों को निलंबित किया जाता, कांग्रेस प्रदेश अध्‍यक्ष कमलनाथ ने पूरी घटना की जांच हाईकोर्ट जज से कराने की फिर मांग की है.

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