नई दिल्ली। पंजाब में गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या (Sidhu Musewala murder) ने एक बार फिर राज्य में सुरक्षा का मुद्दा छेड़ दिया है। हैरानी की बात है कि जेल में बंद होते हुए भी गैंगस्टर अपना गैंग (Sidhu Musewala murder) चलाते रहते हैं। पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या का तिहाड़ कनेक्शन पता चल रहा है।
बता दें कि दूसरी और खालिस्तानी समूह (Khalistani Group) की सक्रियता ने भी चिंताओं में इजाफा किया है। खबर है कि ये समूह अपने काम के लिए तिहाड़ में बंद अपराधियों का सहारा ले रहे हैं। इतना ही नहीं जेल के कर्मचारियों की तरफ से भी मदद मिलने की बात सामने आई है। मूसेवाला की रविवार को जवाहरके गांव में हत्या कर दी गई थी।
एक रिपोर्ट में खुफिया सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर का इस्तेमाल खालिस्तानी समूह कर रहे हैं। उनके अनुसार, ये अपराधी जेल परिसर से अपनी गतिविधियां चला रहे हैं। उन्होंने बताया कि पैसों के बदले में अपराधियों के मदद करने वाले जेल कर्मचारियों की भूमिका भी जांच के घेरे में है। कुछ जेल कर्मचारियों ने कथित तौर पर बैरक के अंदर फोन और सिम कार्ड्स पहुंचान के लिए मोटी रकम वसूली है। सूत्रों का कहना है कि कनाडा के खालिस्तानी समूह इन गैंगस्टर्स का इस्तेमाल आपराधिक और भारत-विरोधी गतिविधियों के लिए कर रहे हैं। कनाडा के गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी ली है।
खास बात है कि बराड़ तिहाड़ जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का करीबी है, जिससे मंगलवार को पूछताछ की गई। तिहाड़ में बंद अधिकांश गैंगस्टर्स के तार दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से हैं। रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने बताया कि जेल अधिनियम के तहत उन्हें अलग-अलग जेलों में भेजने का प्रस्ताव भी दिया गया है।
विदित हो कि इस हत्याकांड मामले में बीजेपी ने भगवंत मान सरकार पर सवाल उठाए हैं। पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब में कानून- व्यवस्था नाम की चीज नहीं रही है। कांग्रेस नेता अमरिंदर वाडिंग और सुखविंदर रंधावा ने भी राज्य सरकार और ‘आप’ पर निशाना साधा है।
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