सिंगापुर। सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन षणमुगरत्नम ने भारत में चलाई जा रही एक योजना की खूब तारीफ की है। यह योजना है ‘एस्पिरेश्नल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम’ (Aspirational Districts Programme)। सिंगापुर के राष्ट्रपति ने योजना की तारीफ करते हुए कहा कि यह योजना उदाहरण है कि किस तरह से विकासशील क्षेत्रों में लोगों को अधिकार दिए जा रहे हैं।
सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन षणमुगरत्न ने सोमवार को फिलान्थ्रोपी एशिया समिट 2025 में ‘प्राइमिंग एशिया फॉर गुड’ कार्यक्रम को संबोधित किया। इस सम्मेलन का आयोजन 5 से 7 मई तक सिंगापुर में हो रहा है। अपने संबोधन में सिंगापुर के राष्ट्रपति ने कहा कि नवाचार के लिए भी संगठन का साथ मिलना जरूरी है। उदाहरण के लिए, अगर आप भारत को देखें तो उनके यहां एक कार्यक्रम संचालित किया जाता है, जो है एस्पिरेश्नल डिस्ट्रिक्ट्स प्रोग्राम। इसके तहत पिछड़े जिलों को सशक्त बनाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में साल 2018 में इसे शुरू किया गया था। इस योजना का उद्देश्य भारत के 112 अति पिछड़े जिलों को बदलना है। इस योजना में गेट्स फाउंडेशन, पीरामल फाउंडेशन और टाटा ट्रस्ट भी फंडिंग दे रहे हैं। षणमुगरत्नम ने बताया कि योजना के तहत समुदायों को सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, पैरा नर्सों और डेटा प्रणाली आदि का स्वामित्व दिया जा रहा है। इन्हें केंद्र सरकार से मदद मिलती है। खासकर मातृ स्वास्थ्य और बच्चों की सेहत को लेकर उल्लेखनीय काम हो रहा है।
षणमुगरत्नम ने कहा कि उन्होंने भी कुछ ऐसे जिलों का दौरा किया था और देखा कि वे कैसे काम कर रहे हैं। योजना में गांव के लोगों को अधिकार दिए गए हैं। इस योजना से जुड़ी श्रीति पांडे ने बताया कि इस योजना के तहत महिलाओं को सशक्त किया जा रहा है और महिलाएं ही क्लीनिक और आंगनवाड़ी का संचालन कर रही हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि कुछ बुनियादी चीजें जैसे कचरा प्रबंधन, स्कूल और शिक्षा की दिशा में अभी और काम किए जाने की जरूरत है।
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