
नई दिल्ली । आधुनिक समय में हाइपरटेंशन (Hypertension) एक आम समस्या बन गई है। सामान्य भाषा में हाइपरटेंशन को उच्च रक्तचाप कहा जाता है। कई मौके पर इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है। इसके लिए उच्च रक्तचाप पर पैनी और ईमानदारी से नजर रखनी चाहिए। साथ ही नियमित अंतराल पर उच्च रक्तचाप (high blood pressure) की जांच करानी चाहिए। खासकर 30 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को उच्च रक्तचाप की जांच हर 3 महीने पर करानी चाहिए। लापरवाही बरतने पर कई बीमारियां दस्तक देती हैं। विशेषज्ञों की मानें तो हाइपरटेंशन के लक्षण पूर्व में ही दिखने लगते हैं। अगर आप भी शरीर में ये बदलाव देखते हैं, तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें-
तेज सिरदर्द
कुछ लोग सिरदर्द (Headache) को सामान्य बात मान लेते हैं। हालांकि, तेज सिरदर्द उच्च रक्तचाप के भी लक्षण हो सकते हैं। इसके लिए डॉक्टर से जरूर सलाह लें। तेज सिरदर्द से माइग्रेन (Migraine) का खतरा बढ़ जाता है और इससे सिर के एक तरफ सेंसेशन (झनझनाहट) होने लगती है।
नाक से खून निकलना
रक्त में दबाव बढ़ने से नाक से खून निकलने लगता है। इसके लिए उच्च रक्तचाप के मरीजों के नाक से खून निकलता है। लक्षण दिखने पर डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।
सांस लेने में तकलीफ
उच्च रक्तचाप के मरीजों को सांस लेने में तकलीफ होती है। साथ ही छाती में सेंसेशन होने लगता है। सांस लेने में तकलीफ उच्च रक्तचाप के सामान्य लक्षण हैं।
देखने में दिक्कत
उच्च रक्तचाप (high blood pressure) के मरीजों को देखने में भी दिक्कत होती है। इस स्थिति में व्यक्ति को धुंधला दिखाई देता है। कई मौके पर आंखों की रौशनी भी कम हो जाती है।
थकान
उच्च रक्तचाप (high blood pressure) के मरीज को थकान की भी शिकायत होती है। इससे नींद में बाधा पहुंचती है। साथ ही चक्कर आने लगता है। ये सभी उच्च रक्तचाप के लक्षण हैं।
अपनाये ये टिप्स
-तुलसी के पत्तों में युजिनॉल (Eugenol) पाया जाता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक होता है। इसके लिए रोजाना तुलसी के पत्तों की चाय जरूर पिएं।
-रोजाना सुबह में खाली पेट एक गिलास गुनगुना गर्म पानी में एक चम्मच अश्वगंधा पाउडर (Ashwagandha Powder) मिलाकर सेवन करने से रक्त चाप नियंत्रित रहता है।
-डॉक्टर्स रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए रोजाना खाली पेट एक आंवला खाने की सलाह देते हैं।
-रोजाना दो चम्मच त्रिफला (Triphala) चूर्ण खाने से रक्त चाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) नियंत्रित रहता है।
नोट – उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं इन्हें किसी प्रोफेशनल डॉक्टर की सलाह के रूप में न समझें कोई भी बीमारी या परेंशानी हो तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें ।
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