विदेश

चीन को अब नए पासपोर्ट के जरिए उसकी हैसियत बताएगा ताइवान, जानें क्‍या होगा इसमें खास

ताइपे, एपी। ताइवान अब अपने पासपोर्ट को नया स्वरूप देने की रूपरेखा बना रहा है। नए स्वरूप में पासपोर्ट में ताइवान के स्वतंत्र अस्तित्व को प्रमुखता दी जाएगी जबकि चीन से उसके जुड़ाव का स्तर नीचे किया जाएगा। चीन ने ताइवान के इस नए पासपोर्ट के प्रारूप पर अभी कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है। माना जा रहा है कि वह इसे पसंद नहीं करेगा। ताइवान के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को ताइवान के नए पासपोर्ट की तस्वीर सार्वजनिक कीं।

तस्वीर में दिखाए गए पासपोर्ट में ‘ताइवान’ शब्द को कवर पर अंग्रेजी के कैपिटल शब्दों में लिखा गया है। जबकि ‘रिपब्लिक ऑफ चाइना’ को अंग्रेजी में छोटे शब्दों में कर दिया गया है। द्वीपीय देश के संविधान के अनुसार उसका पूरा नाम ताइवान रिपब्लिक ऑफ चाइना है। सन 1945 में जापान ने ताइवान की सत्ता चीन को सौंपी थी। चार साल बाद चीन में छिड़े गृहयुद्ध के बाद वहां की सत्ता कम्युनिस्ट पार्टी के हाथों में चली गई।

इसके बाद माओ त्से तुंग के नेतृत्व वाली कम्युनिस्ट पार्टी ने ताइवान पर भी अधिकार कर लिया। तब से लेकर अब तक ताइवान चीन के चंगुल से निकलने की कोशिश कर रहा है। इसी कोशिश में वह लोकतंत्र की स्थापना में सफल रहा जिससे वह कम्युनिस्ट पार्टी के शासन से मुक्त रह पाया।

हालांकि वह अपने नाम के आगे से रिपब्लिक ऑफ चाइना नहीं हटा पाया। संवैधानिक प्रावधानों के चलते वह चीन के झंडे और कई संस्थाओं के नाम का भी इस्तेमाल करता है। ताइवान जहां चीन से अलगाव के रास्ते पर है और खुद को स्वतंत्र साबित करता है, वहीं चीन उसे अपना हिस्सा बताया है। चीन वहां किसी विदेशी राजनेता का विरोध करता है और बहुराष्ट्रीय कंपनियों से अपेक्षा करता है कि वे चीन के हिस्से के रूप में ताइवान को दिखाएं।

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