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सिगरेट, तंबाकू और पान मसाला पर 40% टैक्स बरकरार, लोकसभा में विधेयक पेश

December 02, 2025

नई दिल्‍ली । केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने संसद सत्र (Parliament session) के पहले दिन सोमवार को लोकसभा (Lok Sabha) में उत्पाद शुल्क संशोधन विधेयक- 2025 और स्वास्थ्य व राष्ट्रीय सुरक्षा सेस विधेयक- 2025 को पेश किया। विपक्षी दलों की भारी नारेबाजी के बीच वित्त मंत्री ने विधेयकों को पेश किया गया। यह दोनों विधेयक तंबाकू और पान मसाले (Tobacco and pan masala) पर लगाने वाले उच्च कर को सुनिश्चित करेंगे।

केंद्रीय उत्पाद शुल्क संशोधन विधेयक के जरिए केंद्र सरकार द्वारा सिगरेट, सिगार, हुक्का, जर्दा समेत अन्य तंबाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क लगाया जाएगा, जो तंबाकू पर लगाए जा रहे जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर का स्थान लेगा। वहीं, स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक पान मसाला पर लगाए जाने वाले क्षतिपूर्ति उपकर की जगह लेगा। विधेयक के पेश किए जाने के दौरान तृणमूल कांग्रेस के नेता सौगत रॉय और द्रमुक सांसद कथिर आनंद ने विरोध किया।

रॉय ने आरोप लगाया कि विधेयक के जरिए तंबाकू पर उत्पाद शुल्क वसूलने का प्रावधान है, लेकिन तंबाकू उत्पादों से सेहत पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभाव से जुड़े पहलुओं की उपेक्षा की गई है। जबकि कथिर आनंद ने कहा कि सरकार जनता पर करों का और अधिक बोझ डालने की कोशिश कर रही है। यह विधेयक उसी उद्देश्य के साथ लाए गए हैं।


क्यों लाया गया स्वास्थ्य सुरक्षा विधेयक
सरकार स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े खर्चों के लिए अतिरिक्त संसाधन एकत्र करना है। विधेयक के हिसाब से उन मशीनों या प्रक्रिय पर उपकर लगाया जाएगा, जिनके माध्यम से संबंधित वस्तुओं का उत्पादन किया जाता है। वर्तमान में तंबाकू और पान मसाला पर 28 प्रतिशत जीएसटी लागू लगाता है। साथ ही, अलग दरों पर क्षतिपूर्ति उपकर भी लगाया जाता है।

अभी तक नुकसान की भरपाई के लिए लगता है क्षतिपूर्ति उपकर
जुलाई 2017 में जीएसटी की शुरूआत हुई थी। उस वक्त जीएसटी लागू करने के कारण राज्यों को होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने 30 जून 2022 तक यानी पांच वर्षों के लिए क्षतिपूर्ति उपकर लगाने की व्यवस्था रखी, जिसे बाद में कोरोना के चलते चार साल ओर बढ़ाकर 31 मार्च 2026 तक जारी रखने का फैसला लिया गया क्योंकि क्षतिपूर्ति उपकर संग्रह उपयोग उस ऋण को चुकाने के लिए किया जा रहा है जो केंद्र ने राज्यों को कोविड-19 की अवधि के दौरान जीएसटी राजस्व में हुए नुकसान की भरपाई के लिए लिया था।

तंबाकू और पान मसाला पर टैक्स की दर रहेगी समान
जीएसटी परिषद ने तीन सितंबर 2025 को तंबाकू और पान मसाला पर लिया गया कर्ज चुकाने तक मुआवजा उपकर जारी रखने का फैसला किया था। 22 सितंबर से जीएसटी दर को तर्कसंगत बनाते हुए पांच और 18 प्रतिशत के केवल 2 स्लैब को लागू किया गया हैं। जबकि, परिषद ने विलासिता वाले सामान, कार्बोनेटिड ड्रिंक और अन्य हानिकारक वस्तुओं के लिए 40 प्रतिशत की दर तय की थी। ऐसे में अब सरकार दोनों विधेयकों के जरिए यह सुनिश्चित करेंगे कि क्षतिपूर्ति उपकर बंद होने के बाद तंबाकू और पान मसाला जैसी हानिकारक वस्तुओं पर टैक्स की दर समान रहे।

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