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मंगलुरु बम धमाके के पीछे थी आतंकी की साजिश, कर्नाटक पुलिस को मिले ये अहम सबूत

बेंगलुरु । कर्नाटक पुलिस मंगलुरु (Mangaluru) में हुए बम धमाके (bomb blasts) के पीछे की साजिश का पर्दाफाश करने में सफल रही है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रवीण सूद (Praveen Sood) ने रविवार को कहा कि चलते हुए ऑटोरिक्शा में विस्फोट कोई दुर्घटना नहीं बल्कि आतंकवादी घटना (terrorist incident) थी। उन्होंने कहा कि इसकी पुष्टि हो चुकी है और कर्नाटक पुलिस (Karnataka Police) केंद्रीय एजेंसियों के साथ आगे की गहन जांच कर रही है। जांच के दौरान पुलिस के हाथ कुछ ऐसे अहम सबूत लगे, जिनके आधार पर इस निष्कर्ष तक पहुंचा जा सका।

पुलिस को घटनास्थल से आधार कार्ड और मोबाइल फोन मिला जिसकी मदद से जांच टीम धमाके की पूरी चेन को समझने में सफल रही। पुलिस ने बम हमलावर की पहचान तीर्थहल्ली के रहने वाले 24 वर्षीय मोहम्मद शरीक के रूप में की, जिस पर इस्लामिक स्टेट (IS) से जुड़े होने का आरोप है और वह सितंबर 2022 से फरार है।

धमाके का CCTV फुटेज आया था सामने
सोशल मीडिया पर एक सीसीटीवी फुटेज वायरल हुआ था। वीडियो में ऑटोरक्शिा में आग लगते हुए और फिर विस्फोट होते हुए दिखाया गया है। इस हादसे में ड्राइवर और बैग ले जा रहे यात्री दोनों झुलस गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। मंगलुरु शहर के पुलिस आयुक्त शशि कुमार ने कहा था कि शुरुआती जांच में पता चला कि ऑटोरक्शिा में आग लगने के कारण विस्फोट हुआ और लोगों को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है।


धमाके की जांच से जुड़े सीनियर अधिकारी ने बताया कि ऑटोरिक्शा के अंदर मिली सामग्री से इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) की पुष्टि हुई है। साथ ही गाड़ी की तलाशी के दौरान पुलिस को जले हुए प्रेशर कुकर और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से जुड़ी बैटरी मिली। जांच की निगरानी कर रहे अधिकारी ने आईईडी को ‘शौकिया काम’ करार दिया। उन्होंने कहा कि संदिग्धों ने IED बनाया है, लेकिन हमें अमोनियम नाइट्रेट (बम बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाला रसायन) का संकेत नहीं मिला है। हालांकि, फॉरेंसिक डिटेल आनी अभी बाकी है।

घायल यात्री के पास मिला फर्जी आधार कार्ड
पूछताछ के दौरान मंगलुरु पुलिस को पता चला कि घायल यात्री प्रेम राज कनोगी के पास फर्जी आधार कार्ड था। पुलिस ने कनोगी के पास से एक सिम कार्ड बरामद किया गया है, जिसे दक्षिण भारत में एक जगह से फर्जी आधार कार्ड जमा करने के बाद इसे खरीदा था। पुलिस सिम कार्ड के आधार पर कुछ लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।

ऐसी भी रिपोर्ट है कि तमिलनाडु पुलिस भी ऐसी ही एक जांच कोयंबटूर में अक्टूबर में कार में हुए विस्फोट मामले में कर रही है। कर्नाटक के डीजीपी प्रवीण सूद और उनके तमिलनाडु के समकक्ष शैलेंद्र बाबू ने इस संबंध में चर्चा की है। कोयंबटूर विस्फोट में जमेशा मुबिन नामक व्यक्ति मारा गया था। बाद में तमिलनाडु पुलिस के मृतक के घर की तलाशी लेने पर वहां बम बनाने का सामान मिला था।

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