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थाइलैंड BRICS में पूर्ण सदस्यता चाहता है, भारत से मांगी मदद, ट्रंप की धमकियों का कोई असर नहीं

December 02, 2025

नई दिल्ली । दक्षिण-पूर्व एशिया (Southeast Asia) की प्रमुख अर्थव्यवस्था (economy) थाइलैंड (Thailand) ने BRICS (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) समूह में पूर्ण सदस्यता प्राप्त करने की अपनी महत्वाकांक्षा को मजबूत करते हुए भारत से विशेष समर्थन की अपील की है। थाइलैंड के विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) ने हाल ही में जारी बयान में कहा है कि वह BRICS को ASEAN, APEC और BIMSTEC जैसे क्षेत्रीय मंचों के साथ जोड़ने का पुल बनने को तैयार है, और इस दिशा में भारत की भूमिका को महत्वपूर्ण मानता है। थाइलैंड का यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बार-बार दी जाने वाली व्यापारिक धमकियों के बावजूद BRICS के बढ़ते आकर्षण को दर्शाता है।

थाइलैंड का ये बयान उसके विदेश मंत्री की भारत यात्रा के दौरान आया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने बताया था कि थाइलैंड के विदेश मंत्री 28 नवंबर से दो दिसंबर तक भारत की यात्रा पर आए हैं। थाइलैंड के विदेश मंत्री सिहासक फुआंगकेटकेओ ने सोमवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर से द्विपक्षीय बैठक के दौरान कहा कि उनका देश BRICS से जुड़ने में दिलचस्पी रखता है और इसके लिए भारत की मदद चाहिए। बता दें कि अगले साल यानी 2026 में भारत BRICS की अध्यक्षता कर रहा है।


बैठक के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत, थाइलैंड को एक ‘दीर्घकालिक मित्र’ और ‘बहुत महत्वपूर्ण’ समुद्री पड़ोसी के रूप में महत्व देता है। जयशंकर ने कहा कि तेजी से उभरते भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक परिवेश के बीच, भारता का मानना ​​है कि महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचारों का नियमित आदान-प्रदान बहुत जरूरी है।

थाइलैंड की BRICS यात्रा: पार्टनर से पूर्ण सदस्यता की ओर
थाइलैंड ने अक्टूबर 2024 में रूस के कजान में आयोजित BRICS शिखर सम्मेलन के दौरान 13 अन्य देशों के साथ पार्टनर कंट्री का दर्जा प्राप्त किया था। 1 जनवरी 2025 से यह दर्जा औपचारिक रूप से प्रभावी हो गया, जिसके तहत थाइलैंड BRICS के कुछ मंत्रिस्तरीय बैठकें और आर्थिक सहयोग कार्यक्रमों में भाग ले सकता है। थाइलैंड के विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह साझेदारी व्यापार, निवेश, पर्यटन और खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में उभरती अर्थव्यवस्थाओं के साथ सहयोग बढ़ाने का अवसर प्रदान करती है।

हालांकि, थाइलैंड का लक्ष्य पूर्ण सदस्यता है। जून 2024 में तत्कालीन प्रधानमंत्री स्रेठा थाविसिन के नेतृत्व में थाई सरकार ने BRICS में शामिल होने का औपचारिक पत्र भेजा था। अब, 2025 में ब्राजील की अध्यक्षता के दौरान, थाइलैंड ने अपनी आवेदन प्रक्रिया को तेज करने का संकेत दिया है। थाइलैंड के विदेश मंत्री मरिस सांगयामपोंगसा ने हाल ही में एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा- BRICS में शामिल होना थाइलैंड को ग्लोबल साउथ की आवाज मजबूत करने और बहुपक्षीयता को बढ़ावा देने में मदद करेगा। हम ASEAN और BRICS के बीच पुल का काम करेंगे।

ट्रंप की धमकियां बेअसर: BRICS का विस्तार जारी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने BRICS को एंटी-अमेरिकन ब्लॉक करार देते हुए कई बार 100% तक टैरिफ लगाने की धमकी दी है। अक्टूबर 2025 में अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जावियर मिलेई से मुलाकात के दौरान ट्रंप ने दावा किया कि सभी देश BRICS से बाहर हो रहे हैं। फरवरी 2025 में उन्होंने कहा कि BRICS मृत है। जनवरी 2025 में ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए उन्होंने BRICS को डॉलर पर हमला बताया।

लेकिन ये धमकियां बेअसर साबित हुई हैं। BRICS अब 10 पूर्ण सदस्यों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया, ईरान, यूएई) तक पहुंच चुका है, जबकि 10 पार्टनर देश हैं: बेलारूस, बोलीविया, क्यूबा, कजाकिस्तान, मलेशिया, नाइजीरिया, थाइलैंड, युगांडा, उज्बेकिस्तान और वियतनाम। सऊदी अरब अभी विचार कर रहा है।

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