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देश का निर्यात दिसंबर में 12.2 फीसदी घटकर 34.48 अरब डॉलर हुआ

– व्यापार घाटा बढ़कर 23.76 अरब डॉलर पर पहुंच गया

नई दिल्ली (New Delhi)। अर्थव्यवस्था के र्मोचे (economy front) पर सरकार को झटका लगने वाली खबर है। वैश्विक चुनौतियों के बीच देश का निर्यात (country’s exports) वित्त वर्ष 2022-23 के दिसंबर महीने (december month) में 12.2 फीसदी (12.2 percent down) घटकर 34.48 अरब डॉलर ($ 34.48 billion) रहा है। वहीं, देश का व्यापार घाटा इस दौरान बढ़कर 23.76 अरब डॉलर पर पहुंच गया। हालांकि, दिसंबर में आयात 3.5 फीसदी घटकर 58.24 अरब डॉलर रहा, जो एक साल पहले की समान अवधि में 60.33 अरब डॉलर रहा था। वहीं, रूस से अप्रैल-दिसंबर के दौरान चार गुना बढ़कर 32.88 अरब डॉलर पर पहुंच गया।


वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सोमवार को जारी आंकड़ों यह जानकारी दी है। आंकड़ों के मुताबिक देश का निर्यात दिसंबर में 12.2 फीसदी घटकर 34.48 अरब डॉलर रहा है। वहीं, देश का व्यापार घाटा इस दौरान बढ़कर 23.76 अरब डॉलर पर पहुंच गया। मंत्रालय के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर के दौरान देश का कुल निर्यात नौ फीसदी बढ़कर 332.76 अरब डॉलर रहा। इस दौरान आयात भी 24.96 फीसदी बढ़कर 551.7 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इससे वस्तुओं का व्यापार घाटा पहले नौ महीनों में 218.94 अरब डॉलर रहने का अनुमान है, जो एक साल पहले इसी अवधि में 136.45 अरब डॉलर था।

वाणिज्य सचिव के मुताबिक वैश्विक चुनौतियों के बावजूद देश का निर्यात बेहतर बना हुआ है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर मंदी का रुख है। इसकी वजह से हम कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों में कच्चे तेल का आयात 45.62 फीसदी बढ़कर 163.91 अरब डॉलर रहा, जो एक साल पहले इसी अवधि में 112.56 अरब डॉलर था। इस तरह कोयला, कोक और ‘ब्रिकेट’ का आयात अप्रैल-दिसंबर में करीब दोगुना होकर 40.55 अरब डॉलर रहा। एक साल पहले इसी अवधि में यह 21.66 अरब डॉलर था।

मंत्रालय के मुताबिक निर्यात के मोर्चे पर इंजीनियरिंग वस्तुओं का निर्यात दिसंबर महीने में करीब 12 फीसदी घटकर 9.08 अरब डॉलर रहा, जबकि रत्न एवं आभूषणों का निर्यात 15.2 प्रतिशत कम होकर 2.54 अरब डॉलर रहा। इस दौरान जिन अन्य वस्तुओं के निर्यात में कमी आई है, उसमें कॉफी, काजू, चमड़े के सामान, दवा, कालीन और हथकरघा शामिल हैं। इसके अलावा पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात भी दिसंबर में करीब 27 फीसदी घटकर 4.93 अरब डॉलर रहा। वहीं, इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं का निर्यात वित्त वर्ष 2022-23 के दिसंबर महीने में 51.56 फीसदी बढ़कर 16.67 अरब डॉलर रहा।

आंकड़ों के मुताबिक रूस से आयात चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर के दौरान चार गुना बढ़कर 32.88 अरब डॉलर पहुंच गया। इसका कारण कम भाव का लाभ उठाने के लिए सरकार का कच्चे तेल का आयात बढ़ाना है। दिसंबर महीने में तेल का आयात करीब छह फीसदी बढ़कर 17.5 अरब डॉलर रहा। सोने का आयात 75 फीसदी घटकर 1.18 अरब डॉलर रहा। चीन से आयात अप्रैल-दिसंबर 2022 के दौरान करीब 12 फीसदी बढ़कर 75.87 अरब डॉलर रहा। चीन को निर्यात हालांकि 35.58 प्रतिशत घटकर 11 अरब डॉलर रहा।

उल्लेखनीय है कि चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर के दौरान अमेरिका सबसे बड़े निर्यात गंतव्य के रूप में उभरा। वहां, निर्यात 6.8 फीसदी बढ़कर 59.57 अरब डॉलर रहा। उसके बाद संयुक्त अरब अमीरात, नीदरलैंड, बांग्लादेश और सिंगापुर का स्थान रहा। वाणिज्य संचिव ने कहा कि निर्यातकों के मसले को सुलझाने और निर्यात को गति देने के लिए हम सभी निर्यात संवर्धन परिषद से लगातार संपर्क में है। (एजेंसी, हि.स.)

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