
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना से ध्वस्त हुई अर्थव्यवस्था की चुनौती को अवसर में बदलकर आत्मनिर्भर भारत बनाने का सपना सबसे पहले मप्र साकार किया जा रहा है। कोरोना संकट के कारण शहरी क्षेत्रों में व्यापार-व्यवसाय करने वालों की सबसे छोटी इकाई, रेहडी, ठेला, फुटपाथ पर बैठकर करने वालों का काम-धंधा एकदम चौपट हो गया।
यूं तो उन्हें कुछ आर्थिक सहायता दी जा सकती थी, पर वह कितने दिन चलती। अल्प अवधि में ही मध्यप्रदेश में एक लाख 40 हजार शहरी स्ट्रीट वेंडर्स के प्रकरण स्वीकृत कर दिए गए हैं तथा लगभग एक लाख हितग्राहियों को बैंकों द्वारा ऋण वितरित किया जा चुका है। इस प्रकार मध्यप्रदेश इस योजना के क्रियान्वयन में देश में नंबर वन है। पीएम मोदी योजना में लाभान्वित मध्यप्रदेश के हितग्राहियों से 9 सितम्बर को सीधे संवाद करेंगे। प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स स्वनिधि योजना में हर पथ विक्रेता को काम-धंधे के लिए, बिना सुरक्षा लिए, बैंकों से 10 हजार रूपए तक की कार्यशील पूंजी तथा ब्याज अनुदान दिया जा रहा है। इसके अलावा डिजीटल ट्रांजेक्शन करने पर प्रतिवर्ष 1200 रूपये की अतिरिक्त राशि और यदि समय पर ऋण चुका दिया गया तो अगले वर्ष 20 हजार रूपए की कार्यशील पूंजी उपलब्ध करवाई जाएगी। जैसे-जैसे वे अपना कार्य आगे बढ़ायेंगे सरकार उनकी मदद बढ़ाएगी और वे आत्मनिर्भर होते चले जाएंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि इस योजना में प्रदेश सरकार द्वारा एक प्रावधान और जोड़ा गया, जिसके अनुसार केन्द्र सरकार के 7 प्रतिशत ब्याज अनुदान के बाद शेष ब्याज अनुदान मध्यप्रदेश सरकार द्वारा दिए जाने से प्रदेश के स्ट्रीट वेंडर्स को बिना किसी ब्याज के यह राशि मिल रही है।
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