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विदेश में खालिस्तानी सरगनाओं की हत्याओं की वजह उनके बीच फूट :खुफिया एजेंसियां

नई दिल्ली (New Delhi)। भारत (India) में मोस्ट वांटेड खालिस्तानी आतंकी (Most wanted Khalistani terrorist) कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की जून में हुई हत्या पर कनाडा (Canada) के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Prime Minister Justin Trudeau) ने हाउस ऑफ कॉमन्स (House of Commons) में भारत पर आरोप लगाए. इसके बाद से भारत और कनाडा के बीच संबंध अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं. हालांकि नई दिल्ली ने कनाडा को आतंकवादी गतिविधियों के लिए ‘सुरक्षित पनाहगाह’ करार देते हुए बिना सबूत के आरोप लगाने के लिए ओटावा को दोषी ठहराया है। इस बढ़ते राजनयिक विवाद के बीच भारतीय खुफिया एजेंसियों (Indian intelligence agencies) को संदेह है कि विदेशों में खालिस्तानी नेताओं (Khalistani Leaders) के बीच विभाजन और विवाद पिछले एक साल में दुनिया भर में खालिस्तान समर्थक नेताओं की हत्याओं का एक संभावित कारण हो सकता है।


एक रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान छह कट्टर खालिस्तान नेताओं की मौत हो चुकी है या उन्हें मार दिया गया है. यह दौर पिछले साल जुलाई में शुरू हुआ, जब 1985 के एयर इंडिया फ्लाइट में बम विस्फोट के आरोपी रिपुदमन सिंह मलिक (Rpudaman Singh Malik) की कनाडा के सरे में गोली मारकर हत्या कर दी गई. मलिक को 2005 में आरोपों से बरी कर दिया गया था. मामले की जांच करते समय कनाडा की सुरक्षा खुफिया सेवा ने पाया कि मलिक भारत के बाहर सिखों की पवित्र पुस्तक गुरु ग्रंथ साहिब की छपाई के कथित संबंध के लिए विवाद में आ गए थे. एक धार्मिक आदेश के उल्लंघन पर विवाद के कारण खालिस्तानी सरगनाओं के बीच बंटवारा हो गया था।

इसी तरह पिछले नवंबर में कुख्यात गैंगस्टर से आतंकवादी बने हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा की लाहौर के एक सैनिक अस्पताल में मौत हो गई. रिंदा की कथित तौर पर ‘ड्रग ओवरडोज’ के कारण मौत हो गई थी. उसको आतंकवादियों, गैंगस्टरों और ड्रग्स तस्करों के बीच एक एक कड़ी माना जाता था. रिंदा के बारे में कोई भी जानकारी देने पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की ओर से 10 लाख रुपये का इनाम रखा गया था. इस साल मई में आतंकवादी संगठन खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF) के प्रमुख परमजीत सिंह पंजवार की लाहौर के जौहर शहर में कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वह 1995 में पाकिस्तान भाग गया था. पंजवार ने केसीएफ के पूर्व प्रमुख और अपने चचेरे भाई लाभ सिंह की मौत के बाद संगठन की कमान संभाली थी।

ब्रिटेन के बर्मिंघम के एक अस्पताल में खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का मेंबर अवतार सिंह खांडा 15 जून को रहस्यमय तरीके से मरा पाया गया था. कुछ मीडिया रिपोर्टों से पता चला कि खांडा ब्लड कैंसर से गंभीर रूप से बीमार थे, जबकि उनके समर्थकों का आरोप है कि उन्हें जहर दिया गया था. खांडा को 2012 में ब्रिटेन में राजनीतिक शरण दी गई थी. उसे खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह का करीबी माना जाता था, जो असम के डिब्रूगढ़ की जेल में बंद है. इसी तरह गैंगस्टर और खालिस्तान समर्थक सुखदूल सिंह गिल उर्फ सुक्खा दुनेका को 20 सितंबर को कनाडा के विन्निपेग में मरा पाया गया. पंजाब के मोगा जिले का मूल निवासी गिल 2017 में कनाडा भाग गया था. वह एनआईए की मोस्ट वांटेड सूची में 33वें नंबर पर था।

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