
नई दिल्ली । यूपी के बस्ती के दो मजदूर दोस्तों(Worker friends) की करुण कहानी(story) की दस्तक ऑस्कर तक पहुंच गई है। कोरोना काल(Corona period) की व्यथा कथा पर धर्मा प्रोडक्शन(Dharma Productions) के बैनर तले नीरज घेवान के निर्देशन में बनी फिल्म ‘होमबाउंड’ को ऑस्कर-2026 में बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म की कैटेगरी में भारत की ओर से एंट्री मिली है। अभिनेता ईशान खट्टर, विशाल जेठवा और अभिनेत्री जाह्नवी कपूर ने कहानी के किरदारों को जीवंत किया है। कांस फिल्म फेस्टिवल में भी फिल्म को सराहना मिली है। वहां दर्शकों को यह इतनी पसंद आई कि सभी ने खड़े होकर नौ मिनट तक तालियां बजाईं।
यह कहानी दो मजबूर दोस्तों और उनके संघर्ष की है। लालगंज थाना क्षेत्र के देवरी गांव के मोहम्मद सैय्यूब और अमृत प्रसाद सूरत में एक टेक्सटाइल कंपनी में मजदूरी करते थे। वर्ष 2020 में कोरोना ने कहर ढाया तो दोनों पैदल ही घर लौटने को मजबूर हो गए। शिवपुरी के पास एक ट्रक में बैठे, तभी अचानक अमृत की तबीयत बिगड़ गई। तेज बुखार और खांसी ने उसे जकड़ लिया। कोरोना के डर से ट्रक में सवार अन्य मजदूरों ने अमृत को नीचे उतार दिया। यह देख सैय्यूब भी उतर आया और हाईवे किनारे अपनी गोद में अमृत का सिर रखकर बैठ गया। दोनों को झांसी के एक अस्पताल पहुंचाया गया, जहां अमृत ने दम तोड़ दिया। सैय्यूब उसका शव लेकर गांव पहुंचा और तीसरे दिन अंतिम संस्कार हुआ।
राहगीर ने खींची बेबसी की फोटो न्यूयॉक टाइम्स तक पहुंची
एक राहगीर ने दोनों दोस्तों की तस्वीर खींची जिसमें सैय्यूब गीले रुमाल से अमृत का चेहरा पोछते दिखा। यह तस्वीर ‘न्यूयॉक टाइम्स’ के पत्रकार बशारत पीर तक पहुंची। उन्होंने इस घटना पर ‘टेकिंग अमृत होम’ शीर्षक से रिपोर्ट लिखी। फिल्म निर्देशक नीरज घेवान ने फिल्म ‘होमबाउंड’ के रूप में कहानी को पर्दे पर उतारा।
अमृत और सैय्यूब की कहानी पर कांस में नौ मिनट तक गूंजी तालियां
बस्ती जिले के दो मजदूर दोस्तों की करुण कहानी पर करण जौहर, अदर पूनावाला के प्रोडक्शन में बनी निर्देशक नीरज घेवान की फिल्म ‘होमबाउंड’ को ऑस्कर-2026 में सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय फीचर फिल्म श्रेणी के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में नामित किया गया है। यह फिल्म मई माह में कांस फिल्म फेस्टिवल में दिखाई गई थी। दर्शकों को इतनी पसंद आई कि सभी ने खड़े होकर नौ मिनट तक तालियां बजाईं।
परिवार में किसी ने अभी फिल्म नहीं देखी
बरहुआ ग्राम पंचायत के राजस्व गांव देवरी में अमृत और सैय्यूब के परिवार ने अब तक फिल्म नहीं देखी है। सैय्यूब के भाई सुहैल और अमृत के भाई शिवम ने यू-ट्यूब पर फिल्म का ट्रेलर जरूर देखा है। पिछले 27 सितंबर को निर्देशक नीरज ने दुबई में ही रह रहे सैय्यूब को बुलाकर उनके साथ फिल्म देखी। अमृत प्रसाद के पिता रामचरन और मां शोभा देवी ने बताया कि करीब एक साल पूर्व कुछ लोग मुंबई से आए थे। उन्होंने फिल्म बनाने की बात कहकर परिवार और अृमत के बारे में जानकारी ली और जाते वक्त कुछ रुपये भी दिए थे। उसके बाद में कोई संपर्क नहीं हुआ। बातचीत में सैय्यूब के पिता मोहम्मद यूनुस सिद्दीकी ने कहा कि उन्हें बेटे पर फख्र है।
अमृत के पिता की जिम्मेदारियां बढ़ीं
कमाऊ पूत की मौत के बाद अमृत के वृद्ध पिता रामचरन के कंधों पर जिम्मेदारियों का बोझ आ गया। सैय्यूब ने अमृत की बहनों रीमा और सीमा की शादी में आर्थिक मदद दी। इस समय सैय्यूब दुबई में रहकर मजदूरी करता है। वहीं अमृत के परिवार में आमदनी का कोई जरिया नहीं था।
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