
नई दिल्ली । अमेरिकी(American) विदेश विभाग ने पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमान बेड़े को आधुनिक बनाने के लिए 686 मिलियन डॉलर (68.6 करोड़ डॉलर) के पैकेज को मंजूरी दे दी है। यह पैकेज पाकिस्तान वायु सेना (Pakistan Air Force)की क्षमताओं को बढ़ाने,अंतरसंचालन(Interoperability) को मजबूत करने और विमानों की सर्विस लाइफ को 2040 तक विस्तारित करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। ट्रंप प्रशासन(Trump administration) ने इस प्रस्ताव को संसद के पास भेज दिया है, जहां इसे 30 दिनों की समीक्षा प्रक्रिया से गुजरना होगा।
पाकिस्तान के पास वर्तमान में लगभग 75 एफ-16 विमान हैं, जो 1980 के दशक से उसकी वायु सेना का मुख्य आधार हैं। यह अपग्रेड विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि पाकिस्तान के एफ-16 बेड़े को आधुनिक चुनौतियों का सामना करने के लिए अपग्रेडेड कम्युनिकेशन और सेंसर सिस्टम की आवश्यकता है।
अमेरिका और पाकिस्तान के बीच सैन्य सहयोग का इतिहास लंबा रहा है, लेकिन हाल के वर्षों में यह उतार-चढ़ाव से गुजरा है। 2018 में ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान को सैन्य सहायता निलंबित कर दी थी, लेकिन अब इस अपग्रेड पैकेज से संबंधों में सुधार के संकेत मिल रहे हैं। पाकिस्तानी अधिकारियों ने इस मंजूरी का स्वागत किया है, इसे अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के रूप में देखते हुए। दूसरी ओर, अमेरिकी कांग्रेस में कुछ सदस्यों ने पाकिस्तान की आतंकवाद विरोधी प्रतिबद्धताओं पर सवाल उठाए हैं, लेकिन डीएससीए ने स्पष्ट किया कि यह पैकेज केवल मौजूदा बेड़े के रखरखाव और अपग्रेड के लिए है, न कि नए विमानों की बिक्री के लिए।
यह विकास ऐसे समय में आया है जब दक्षिण एशिया में भू-राजनीतिक तनाव बढ़ रहा है। पाकिस्तान ने हाल ही में अपनी वायु सेना को आधुनिक बनाने के लिए चीन से जे-10सी विमान भी प्राप्त किए हैं, लेकिन एफ-16 अमेरिकी तकनीक पर निर्भर उसकी मुख्य ताकत बनी हुई है। यदि कांग्रेस इस सौदे को मंजूरी देती है, तो यह पाकिस्तान की सैन्य आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।

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