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पीडि़ता दुष्कर्म के आरोप से पलटी फिर भी सबूतों के कारण हुई बलात्कारी को सजा

December 02, 2022

  • ठीक दो साल पहले दोपहर में शौच के लिए गई थी बालिका, दस साल का भाई रहा बयानों पर अटल

अशोकनगर। आज से ठीक दो साल पहले ईसागढ़ थाना क्षेत्र की एक युवती के साथ जंगल में दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया गया था। इस मामले में पीडि़ता सहित अन्य परिजन न्यायालय में अपने बयानों से मुकर गए थे। इसके बावजूद न्यायालय ने सबूतों के आधार पर आरोपी को दस साल की सजा सुनाई है। पीडि़ता दिनांक दो दिसंबर 2020 को अपनेचाचा की लड़की के साथ दिन के 12 बजे शौच करने के लिए जंगल में गई थी, तब आरोपी कुंवरपाल ने मौके पर आकर जबरदस्तीे उसके साथ बलात्कार किया था। घटना के समय पीडि़ता के माता-पिता मजदूरी करने ग्वालियर गए थे। पीडि़ता ने वारदात की जानकारी अपनी बुआ, चाचा, 10 वर्षीय छोटे भाई एवं बहिन को बताई थी। पीडि़ता ने उसकी बुआ के साथ दूसरे दिन थाना ईसागढ में घटना की रिपोर्ट लेख कराई थी, जिस पर से अपराध क्र. 605/20 पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था। प्रकरण में पीडि़ता का मेडीकल परीक्षण करवाया गया था। आरोपी को गिरफ्तार कर रक्त का नमूना डीएनए परीक्षण के वास्ते लिया गया था। विवेचना के दौरान पीडि़ता की स्लाइड, घटना के समय उसके पहने हुये वस्त्र एवं आरोपी के वस्त्र डीएनए परीक्षण के वास्ते विधि विज्ञान प्रयोगशाला सागर भेजे गये थे। डीएनए रिपोर्ट के अनुसार पीडि़ता द्वारा घटना के समय पहनी हुई सलवार एवं आरोपी के रक्त के नमूने से प्राप्त एसटीआर प्रोफाईल समान पाई गई थी। इस प्रकार डीएनए रिपोर्ट प्रकरण में पॉजीटिव थी।



न्यायालय में सुनवाई के दौरान पीडि़ता, उसके माता-पिता, भाई, बहिन अपने आरोपों से मुकर गए थे। गवाहों ने आरोपी द्वारा घटना कारित किए जाने से इंकार कर दिया था। केवल पीडि़ता के 10 वर्षीय भाई ने न्यायालय में अभियोजन कथा का समर्थन किया था और डीएनए रिपोर्ट का निष्कर्ष अभियोजन के पक्ष में था। चूंकि मामला जघण्य सनसनीखेज प्रकरण के रूप में चिह्नित था इसलिए राज्य की ओर से मामले का प्रतिनिधित्व विचारण प्रारंभ होने और अंतिम तर्क की स्टेज तक तत्कालीन प्रभारी डीपीओ सुदीप शर्मा द्वारा लगन से किया गया। सुदीप शर्मा का स्थानांतरण हो जाने पर मामले में जिला लोक अभियोजन अधिकारी एमआर खान द्वारा लिखित तर्क न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट द्वारा विगत दिवस फैसला सुनाते हुए आरोपी को धारा 363 भादवि में तीन वर्ष का कठोर कारावास एवं 3000 रूपये का अर्थदण्ड, धारा 366 भादवि में 7 वर्ष का कठोर कारावास और पांच हजार का अर्थदंड व धारा 3/4 पॉक्सो एक्ट में 10 वर्ष का कारावास एवं 10 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। मामले की पैरवी विशेष लोक अभियोजक एमआर खान ने की। उक्त जानकारी मीडिया सेल प्रभारी आजम मोहम्मद ने दी।

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