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त्योहारी सीजन में ग्राहकों की खरीदी पर नहीं पड़ेगा कोई असर: रिपोर्ट

नई दिल्ली। लगातार बढ़ रही महंगाई और ब्याज दरों (inflation and interest rates) के ऊपर जाने के बाद भी त्योहारी सीजन में ग्राहकों की खरीदी पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। इस साल त्योहारी मौसम में नवंबर तक ऑनलाइन और ऑफलाइन (online and offline)तरीके से 27 अरब डॉलर की खरीदारी होने की उम्मीद है। यह आंकड़ा कोरोना के पहले यानी 2019 में दोगुना होगा। जबकि पिछले साल के मुकाबले यह 25 फीसदी अधिक होगा।

इसमें ऑफलाइन बिक्री 15.2 अरब डॉलर होने की संभावना है। 2019 में ऑफलाइन बिक्री 8.5 अरब डॉलर थी। ऑनलाइन 11.8 अरब डॉलर की बिक्री हो सकती है। शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने शुरू हुए त्योहारी सीजन में भारतीय ग्राहक (Indian customer) कार, मकान और टेलीविजन से लेकर मोबाइल फोन और गहने की खरीदी जोरों पर कर रहे हैं।

अक्तूबर- नवंबर में ज्यादा खुदरा बिक्री
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अक्तूबर-नवंबर में हमेशा खुदरा खरीदी (retail purchase) में तेजी बनी रहती है। क्योंकि 1.40 अरब आबादी दशहरा, दिवाली और धनतेरस (Diwali and Dhanteras) जैसे अवसरों पर ज्यादा खरीदी करती है। इस साल कोरोना (corona) के करीब 2 साल बाद मांग में तेजी है और ज्यादा खरीदारी होने की उम्मीद है।



ऑनलाइन खरीदारों की संख्या 4 गुना बढ़ी
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018 से अब तक ऑनलाइन खरीदारों की संख्या 4 गुना बढ़कर 20 करोड़ हो गई है। ये खरीदार मोबाइल हैंडसेट और फैशन गारमेंट खरीदते हैं। खासकर छोटे शहरों से भी इसमें खरीदार रहते हैं। एक ग्राहक ने बताया कि वह 30,000 रुपये महीने कमाता है, पर इस त्योहारी सीजन में 50 हजार रुपये खर्च होने कई उम्मीद है।

ऑटो की बिक्री में तेजी
जनवरी से अब तक के 9 महीने में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में दोपहिया वाहनों की बिक्री में 57 फीसदी की तेजी आई है। इसी तरह से देश के शीर्ष सात शहरों में मकानों की खरीदारी सितंबर तिमाही में करीब 70 फीसदी बढ़ी है। यह सब तब हो रहा है जब मई से अब तक ब्याज दरों में 1.90 फीसदी की बढ़त हो चुकी है।

कपड़े, गहने और कार की मांग
दिल्ली के चांदनी चौक के कपड़ों और गहनों के बाजार में काफी भीड़ है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश, गुजरात और केरल में भी मांग में तेजी आई है। गांवों से मांग हालांकि अभी कमजोर है, पर शहरों से मांग अच्छी खासी आ रही है। ऑटो कारोबारियों का कहना है कि गाड़ियों की बढ़ी कीमतें और पेट्रोल -डीजल के महंगे होने के बाद भी इनकी बिक्री में तेजी है।

उधारी की दर 10 साल में सबसे ज्यादा
आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर में उधारी की दर दस साल में सबसे ज्यादा है जो 16.2 फीसदी रही है। साथ ही जीएसटी संग्रह में भी तेजी बनी हुई है। यह सालाना आधार पर सितंबर में 26 फीसदी बड़ा है।

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