नई दिल्ली। आंखें (Eyes) शरीर का बहुत ही नाजुक अंग है। जिसकी देखभाल के मामले में ज्यादातर लोग लापरवाही करते हैं। लेकिन कई बार ये लापरवाही भारी पड़ती है और आंखों की रोशनी जाने तक की नौबत आ जाती है। ग्लूकोमा (glaucoma), आंखों की ऐसी समस्या है जिसमे आंखों की नसें डैमेज हो जाती हैं। जिसकी वजह से दिखाई देना बंद हो जाता है। दरअसल, ऑप्टिक नर्व आंखों से मिलने वाले चित्र का संकेत दिमाग को देती है। जिससे साफ दिखाई देता है। लेकिन जब ये ऑप्टिक नसें हाई प्रेशर की वजह से डैमेज हो जाती हैं तो दिखाई देना कम हो जाता है ग्लूकोमा की समस्या में इन नसों पर बिना प्रेशर पड़े ही डैमेज हो जाता है।
ग्लूकोमा का पता कैसे चले
आमतौर पर ग्लूकोमा होने पर कोई भी शुरुआती लक्षण नहीं दिखता। केवल कुछ बेहद छोटे लक्षणों से ही इसकी पहचान की जाती है। इसीलिए डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्या में नियम से आंखों का चेकअप भी करवाना जरूरी होता है।
ग्लूकोमा के शुरुआती लक्षण
ग्लूकोमा में शुरुआती लक्षण ना के बराबर होते हैं। धीरे-धीरे आंखों के किनारों पर देखने से पैच जैसा धुंधला स्पॉट दिखता है। इस साइड विजन को पेरिफेरल विजन कहते हैं। तो ये ग्लूकोमा सबसे पहले पेरीफेरल विजन पर असर डालता है। इसके बाद धीरे-धीरे सेंट्रल विजन से भी दिखने में मुश्किल होने लगती है।
ग्लूकोमा के अन्य लक्षण
ग्लूकोमा में सिर में दर्द होता है।
आंखों में दर्द का अनुभव
उल्टी या मितली
धुंधली नजर
रोशनी की ओर देखने पर कलरफुल रिंग ज्यादा दिखते हैं
आंखों में लालिमा
कब जाएं डॉक्टर के पास
आंखों में इनमे से एक भी लक्षण नजर आएं। साथ ही सिरदर्द और आंखों में दर्द हो तो आई एक्सपर्ट से आई चेकअप जरूर करवाएं।
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