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ये पॉलिटिक्स है प्यारे

शुक्ला असमंजस में…क्या करें-क्या न करें?
आज से करीब डेढ़ साल पहले जब निगम चुनाव कराने को लेकर तैयारियां चल रही थीं, तब पूरे प्रदेश में कांग्रेस ने केवल अपना इकलौता उम्मीदवार संजय शुक्ला के रूप में घोषित कर दिया था। शुक्ला ने भी उसी हिसाब से तैयारी की, लेकिन प्रदेश में बदले राजनीतिक नेतृत्व के बाद चुनाव ठंडे बस्ते में चले गए। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एक आस बंधी है कि निगम चुनाव हो जाएंगे, लेकिन शुक्ला अब असमंजस में हैं, क्योंकि उन्होंने विधानसभा 1 को अभेद किला बनाने में दिन-रात मेहनत की है। हालांकि अभी तय नहीं है कि उनका प्रतिद्वंद्वी भाजपा की ओर से कौन होगा? चुनावी तैयारियां शुरू हो गई हैं और कांग्रेस एक बार फिर से उम्मीदवार के बारे में निर्णय ले सकती है। वैसे शत-प्रतिशत संजय शुक्ला का ही नाम सामने आने की संभावना है।


आप में केवल एक ही पदाधिकारी सक्रिय?
आम आदमी पार्टी आंदोलन कर अपने आपको सक्रिय बता रही हैं, लेकिन इनमें भी केवल एक ही गुट की ओर से आंदोलन किया जा रहा है। पिछले दिनों कुलकर्णी भट्टा में भूमाफिया के अतिक्रमण, बिजली कटौती और बिजली बिल में बढ़ोतरी के विरोध में आंदोलन किया गया था, जिसमें नेतृत्व करने वाले नेता एक ही रहे। आगामी निकाय और विधानसभा चुनाव में अपना खाता प्रदेश में खोलने का सपना देख रही आप पार्टी में केवल एक ही नेता सक्रिय हैं, ऐसे में केजरीवाल प्रदेश में खाता खोलने का सपना कैसे पूरा कर पाएंगे?


कौन भूल गया है नेताजी का अंदाज?
भाजपा नगर अध्यक्ष की दौड़ में शामिल पांच नंबर विधानसभा से संबंद्ध रखने वाले एक नेताजी का फेसबुक पर किया गया टैग चर्चा में हैं। नेताजी ने लिखा है ‘लगता है फिर से उतरना पड़ेगा मैदान में दोबारा, कुछ लोग भूल गए हैं अंदाज हमारा’। इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। नेताजी नगर अध्यक्ष की दौड़ में भी थे और संघ नेताओं के करीब हैं। वे युवा मोर्चा भी चला चुके हैं, लेकिन जब भी बड़े पद की बारी आती है


केन्द्रीय मंत्री का विभाग ही नहीं मालूम
इंदौर आए केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान का नई शिक्षा नीति पर व्याख्यान था और पूरी भाजपा ने उनका कार्यक्रम सफल करने के लिए जोर लगा दिया। कोशिश भी रंग लाई। हाल खचाखच भरा हुआ था, लेकिन आयोजक लोग एक गड़बड़ कर गए। धर्मेन्द्र प्रधान का विभाग ही गलत लिख दिया। सुबह ये गलती पकड़ में आई तो हड़बड़ाहट मच गई। मंच के पीछे का बेकड्राप बन ही गया था और इतना बड़ा बेक्रड्राप फिर से प्रिंट करवाना और उसे लगाने में समय हो जाता तो ताबड़तोड़ उनके विभाग और नाम की जगह का एक छोटा-सा बैनर बनवाकर लगवाया गया, लेकिन इसमें भी गलती हो गई। पूरा बेकड्राप डार्क लाल कलर में था और जो गलती छिपाकर नया लगाया गया था, वह गुलाबी था। हालांकि समझ किसी को नहीं आया, लेकिन सडक़ पर जो होर्डिंग्स लगे थे, उसमें गलती पकड़ में आ गई।


आखिर मेरा नाम क्यों नहीं आता मीडिया में
राऊ के एक नेताजी हैं। लंबे समय से उनकी नजर विधायक की कुर्सी पर हैं, लेकिन इन दिनों नगर में पद पाकर संतुष्ट हैं। पिछले दिनों वे नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे के सामने बिफर गए और पूछ लिया कि मेरा नाम मीडिया में क्यों नहीं आता है? उन्होंने कहा कि यहां से मीडिया प्रभारी मेरा नाम लिखकर ही नहीं भेजते हैं तो मीडिया वाले छापते नहीं है। नगर अध्यक्ष ने उन्हें समझाया कि ऐसा नहीं है। सभी पदाधिकारियों के नाम यहां से प्रेस नोट में भेजे जाते हैं। अब किसके नाम छापना है या नहीं छापना है, ये मीडिया वालों का अधिकार है, हमारा नहीं।


सांसद लालवानी को कांग्रेस का बुलावा
सबसे सक्रिय सांसद कहलाने वाले शंकर लालवानी को कांग्रेसियों ने हनुमान चालीसा पाठ के लिए बुलाया है। दरअसल कांग्रेस सेवादल द्वारा 20 मई की शाम को राजबाड़ा पर हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन रखा गया है, जिसमें महंगाई का विरोध किया जाएगा। हनुमानजी से प्रार्थना कर महंगाई को कम करने के लिए सरकारों को सद्बुद्धि देने की कामना करेंगे। बाकायदा अध्यक्ष मुकेश यादव ने लालवानी को चि_ी भेजी है और जनहित में उनसे कार्यक्रम में आने के लिए कहा है। अब देखते हंै लालवानी आते हैं या नहीं?


अनुशासन कमेटी में ही सिर फुटव्वल न हो जाए
कांग्रेस ने 21 नेताओं की लंबी-चौड़ी अनुशासन कमेटी बना दी है और इसके साथ ही अनुषांगिक संगठन के नेताओं को भी इसमें शामिल किया है। दबी जुबान में कुछ कांगे्रसी कह रहे हैं कि इतने अधिक लोगों को कमेटी में शामिल कर लिया है कि वे कोई निर्णय लेंगे तो उनके बीच ही सिर फुटव्वल हो जाएगी। अलग-अलग गुटों से शामिल किए नेताओं में कई जूनियर हैं तो अपने जमाने के सीनियर नेताओं को भी इसमें जगह मिली है। जाहिर है आपस में मतभेद होगा और इसी के कारण कहीं अनुशासन कमेटी में अनुशासन की धज्जियां न उड़ जाए। वैसे भी कांग्रेस में अच्छा कम ही होता है।
चार नंबर के एक हिन्दूवादी नेता इन दिनों धार रोड पर एक कालोनी बसा रहे हैं। जमीन सरकारी है और कुछ जमीन मालिकी हक की। प्रयास यह है कि जल्द ही सारे प्लाट बिक जाए, इसको लेकर उनके कुछ समर्थक शहर में सक्रिय हैं। बात बिगड़ न जाए, इसको लेकर चर्चा और मुलाकात का दौर जारी है, ताकि सब काम निर्विघ्न पूरे हो जाए। -संजीव मालवीय

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