इंदौर। केंद्र सरकार द्वारा गेहूं के निर्यात पर लगाई गई पाबंदी के चलते गेहूं के भाव एकदम धरातल की ओर जाने लगे हैं। तीन ही दिन में 200 से लेकर 250 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से भाव टूट गए हैं। किसान संगठनों ने गेहूं निर्यात पर लगाई पाबंदी का कड़ा विरोध किया है।
किसान संघर्ष समिति और किसान मजदूर सेना के प्रदेश अध्यक्ष बबलू जाधव ने बताया कि केंद्र सरकार ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगाकर किसानों की कमर तोडऩे का काम किया है। अब जब गेहूं की फसल मंडियों में बेचने के लिए किसान ला रहा है, तभी निर्यात नीति में बदलाव कर सस्ते में किसानों का गेहूं खरीदने के लिए व्यापारियों को खुली छूट दे दी गई है। वैसे ही इंदौर सहित पूरे मध्यप्रदेश की मंडियों में एमएसपी की कीमत से नीचे गेहूं बिक रहा था और सरकार की नई पालिसी से गेहूं के भाव और कम हो गए।
आंदोलन की चेतावनी
किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने निर्यात पर पाबंदी नहीं हटाई तो संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े सभी संगठन एकजुट होकर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। नेताओं ने कहा है कि सरकार घोषणाएं तो किसान हितैषी होने की करती है, लेकिन हर बार फैसले किसान विरोधी ही लेती है। गेहूं निर्यात पर पाबंदी भी ऐसा ही किसान विरोधी फैसला है, जिससे किसानों में रोष है।