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ये पॉलिटिक्स है प्यारे

September 15, 2025

आखिर चौधरी के खिलाफ भी खुल गया मोर्चा
कांग्रेस (Congress) के संगठन (Organization) के सृजन अभियान (Creation campaign) में जो परिणाम आए उसके बाद से अब तक गलत रूप से नियुक्ति पाने वाले नेताओं और उनके साथ में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी (Jeetu Patwari) के खिलाफ कांग्रेस के नेताओं ने मोर्चा खोल रखा था… लेकिन अब इन नेताओं के निशाने पर मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महासचिव हरीश चौधरी भी आ गए हैं। पिछले दिनों कांग्रेस द्वारा उज्जैन में आयोजित की गई किसान न्याय यात्रा के मौके पर दो घटनाएं हुई। पहले तो जब आयोजन में भाग लेने के लिए राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट इंदौर विमानतल पर पहुंचे तो उनका धक्का-मुक्की के साथ स्वागत किया गया। इसके बाद जब उज्जैन के लिए रवाना होने की बारी आई तो किसी कांग्रेस नेता ने चौधरी की तरफ ध्यान नहीं दिया। वह अकेले खड़े रह गए और सारे नेता अपनी-अपनी कारों में बैठ गए। इस स्थिति को देखकर पटवारी चौंके और फिर उन्होंने जाकर चौधरी को अपनी कार में बैठाया। उज्जैन में किसान न्याय यात्रा के कार्यक्रम के दौरान उज्जैन जिला कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर महेश परमार की नियुक्ति से नाराज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हरीश चौधरी का विरोध करते हुए तख्तियां दिखाई और नारेबाजी की। कहने वाले कह रहे हैं कि देर आया दुरुस्त आया। देर से ही सही कांग्रेस के नेताओं को यह तो समझ में आया कि पैराशूट एंट्री का रास्ता कहां से गया था…

विश्वास के लिए बेचैन रहे भाजपा नेता
एक तरफ कवि और दूसरी तरफ एक अच्छे प्रवचनकार के रूप में अपनी इमेज तैयार करने में लगे कुमार विश्वास इस बार अग्रसेन जयंती उत्सव के तहत आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के लिए इंदौर आए। वैसे तो उनकी गिनती ज्यादा पैसे लेने वाले कलाकार के रूप में होती है, इसलिए हर कोई उन्हें बुलाने की हिम्मत भी नहीं जुटा पाता है। अग्रवाल समाज के एक संगठन ने जब अभय खेल प्रशाल में कुमार विश्वास के कार्यक्रम का आयोजन रखा तो इस संगठन के पदाधिकारी विचलित हो गए। इन पदाधिकारियों के पास सुबह से शाम तक भाजपा के एक-एक दिग्गज नेता का फोन इस कार्यक्रम का पास देने और कार्यक्रम स्थल पर वीआईपी के रूप में आगे बैठने की व्यवस्था करवाने के लिए आता रहा। वैसे तो इस संगठन ने पहले आओ पहले पाओ के आधार पर बैठक व्यवस्था रखी थी, लेकिन नेताओं के दबाव ने इस नियम को बदलवा दिया। आखिरकार इस संगठन को भी आगे के सोफे के स्थान नेता नगरी के लिए रखने पड़े।

सुमित के सामने अपनों को उपकृत करने की चुनौती
श्राद्ध पक्ष का दौर शुरू हो जाने के कारण भाजपा की नगर इकाई के गठन का मामला हाल फिलहाल तो ठंडे बस्ते में चला गया है। यह सभी को मालूम है कि जैसे ही श्राद्ध समाप्त होंगे वैसे ही वापस तेज हलचल शुरू हो जाएगी। भाजपा के नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा पर दबाव और प्रभाव का खेल बढ़ रहा है। अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र के विधायक और प्रभावी नेता अपने समर्थक को एडजस्ट करवाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। इस जोर आजमाइश के बीच में उलझे हुए सुमित पर उनके खुद के समर्थकों को भी नगर इकाई में एडजस्ट करने का दबाव बना हुआ है। पिछले नगर अध्यक्ष ने तो सारे दबाव प्रभाव के बावजूद नगर इकाई में अपने चार-पांच समर्थकों को पद देकर उपकृत करवाने में सफलता हासिल कर ली थी। अब सभी की नजर इस बात पर है की सुमित कितना जोर लगा पाएंगे और अपने समर्थकों को कितने पद दिलवा पाएंगे। अभी तो यह मामला वक्त के गर्भ में छुपा हुआ है लेकिन अंदाज लगाने वालों ने इस विषय पर चर्चा शुरू कर दी है।

निगम के भाजपा नेताओं में नई हलचल
नगर निगम में अलग-अलग पदों पर बैठे भाजपा के नेताओं में हलचल मच गई है। यह हलचल नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा के इंदौर का कलेक्टर बन जाने और निगम आयुक्त के पद पर भोपाल से सीधे दिलीप कुमार यादव की नियुक्ति कर दिए जाने के कारण मची है। यह तो सभी को मालूम है कि नगर निगम की इस परिषद के कार्यकाल के 3 साल हो गए हैं। अब ऐसे में परिषद के कर्ताधर्ताओं के पास काम करने के लिए एक साल ही बचा है। इसके बाद तो फिर कार्यकाल के समापन का वर्ष शुरू हो जाएगा और चुनाव आ जाएंगे। फिर आचार संहिता भी लागू हो जाएगी। ऐसे में अब इस चौथे निर्णायक वर्ष में निगम में नियुक्त होकर आए नए आयुक्त को साधना अभी जरा मुश्किल नजर आ रहा है। निगम की इस परिषद द्वारा जिस आयुक्त का विरोध किया गया तो उसके बाद में जो दूसरा आयुक्त मिला, उससे समस्याएं ज्यादा बढ़ गई। अब यह कड़ी आगे बढ़ते हुए अंतिम पड़ाव की तरफ आ गई है। अब तो महापौर से लेकर महापौर परिषद के सदस्य तक हर कोई चाहता है कि आयुक्त आंख मींचकर साथ दें और बेड़ा पार कर दें…

कांग्रेस में भी नियुक्ति की तैयारी शुरू
संगठन सृजन अभियान के तहत शहर कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए चिंटू चौकसे ने शहर इकाई के गठन के साथ ही सभी ब्लॉक और वार्ड के अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए तैयारी शुरू कर दी है। उनकी कोशिश है कि नवरात्रि पर्व के दौरान एक साथ इन सभी पदों पर नियुक्ति कर दी जाए। इसके लिए दिल्ली की ओर से निर्देश भी है, तो भोपाल की ओर से सहमति भी है। ऐसे में चिंटू जहां अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र के नेताओं के कुछ समर्थकों को साथ में लेते हुए अपनी इकाई गठित कर देने की तैयारी कर रहे हैं। इसके बीच में ज्यादा समस्या तो जिला कांग्रेस के अध्यक्ष विपिन वानखेड़े को आ रही है। देपालपुर वाले उनकी सुनने को तैयार नहीं है। सांवेर वाले आंख दिखा रहे हैं। राऊ वालों को तो मानो कोई मतलब ही नहीं है… तो अब ऐसे में क्या वे अकेले महू से अपनी पूरी जिला कांग्रेस को घोषित कर दें..?

पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच
एशिया कप टूर्नामेंट में भारतीय क्रिकेट टीम का पाकिस्तान के साथ दुबई में क्रिकेट मैच खेला गया। इस क्रिकेट मैच का मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने विरोध करते हुए भाजपा को निशाने पर लेने की कोशिश की। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भोपाल से तो नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने जबलपुर से इस मैच को लेकर भाजपा पर हमला बोला। उज्जैन से लेकर भोपाल और जबलपुर तक कई शहरों में कांग्रेस में प्रदर्शन किया और इस मैच के लिए कहीं पाकिस्तान का पुतला जलाया तो कहीं भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पदाधिकारियों का पुतला जलाया। इस पूरे अभियान में इंदौर गायब रहा। इंदौर की कांग्रेस ने इस मैच पर मुंह ही नहीं खोला। कांग्रेस की ओर से जब कुछ बोला ही नहीं गया तो फिर प्रदर्शन होने की तो बात ही नहीं उठाती है। इसे कहते हैं एक चुप्पी के साथ मामला समाप्त…

कांग्रेस में भी नियुक्ति की तैयारी शुरू
संगठन सृजन अभियान के तहत शहर कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए चिंटू चौकसे ने शहर इकाई के गठन के साथ ही सभी ब्लॉक और वार्ड के अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए तैयारी शुरू कर दी है। उनकी कोशिश है कि नवरात्रि पर्व के दौरान एक साथ इन सभी पदों पर नियुक्ति कर दी जाए। इसके लिए दिल्ली की ओर से निर्देश भी है, तो भोपाल की ओर से सहमति भी है। ऐसे में चिंटू जहां अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र के नेताओं के कुछ समर्थकों को साथ में लेते हुए अपनी इकाई गठित कर देने की तैयारी कर रहे हैं। इसके बीच में ज्यादा समस्या तो जिला कांग्रेस के अध्यक्ष विपिन वानखेड़े को आ रही है। देपालपुर वाले उनकी सुनने को तैयार नहीं है। सांवेर वाले आंख दिखा रहे हैं। राऊ वालों को तो मानो कोई मतलब ही नहीं है… तो अब ऐसे में क्या वे अकेले महू से अपनी पूरी जिला कांग्रेस को घोषित कर दें..?

पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच
एशिया कप टूर्नामेंट में भारतीय क्रिकेट टीम का पाकिस्तान के साथ दुबई में क्रिकेट मैच खेला गया। इस क्रिकेट मैच का मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने विरोध करते हुए भाजपा को निशाने पर लेने की कोशिश की। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भोपाल से तो नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने जबलपुर से इस मैच को लेकर भाजपा पर हमला बोला। उज्जैन से लेकर भोपाल और जबलपुर तक कई शहरों में कांग्रेस में प्रदर्शन किया और इस मैच के लिए कहीं पाकिस्तान का पुतला जलाया तो कहीं भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पदाधिकारियों का पुतला जलाया। इस पूरे अभियान में इंदौर गायब रहा। इंदौर की कांग्रेस ने इस मैच पर मुंह ही नहीं खोला। कांग्रेस की ओर से जब कुछ बोला ही नहीं गया तो फिर प्रदर्शन होने की तो बात ही नहीं उठाती है। इसे कहते हैं एक चुप्पी के साथ मामला समाप्त…

काम की बात
जिस प्रदेश में पिछले 40 साल से कॉलेज में छात्रसंघ के चुनाव बंद है, उस प्रदेश में इंदौर में एक राष्ट्र-एक चुनाव पर छात्र नेताओं के सम्मेलन का आयोजन हो रहा है …
-डॉ. जितेन्द्र जाखेटिया

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