खरी-खरी

यह है भारत की ताकत.., अपमान बदला सम्मान मेें

ऐसा मुखिया कहां से लाओगे…ऐसा नेतृत्व कहां से पाओगे, जिसके अपमान पर एक देश में तीन मंत्री हटा दिए जाते हैं …जिसके गुणगान पर बांग्लादेश में सत्ता के सितारे जगमगा जाते हैं… एक ही समय में हुए यह दो वाकये पूरी दुनिया में भारत की शक्ति का प्रमाण बन जाते हैं…हमारे देश के विपक्षी नेता जिस मुखिया को सम्मान नहीं दे पाते हैं…पता नहीं क्या-क्या कह जाते हैं, उन्हीं नरेंद्र मोदी को जोकर कहने पर मालदीव जैसे देश की सरकार हिल जाती है और ताबड़तोड़ तीन केंद्रीय नेताओं के पदों की बलि ले ली जाती है…भारत के गुस्से की आग तब भी ठंडी नहीं हो पाती है…उच्चायुक्त को तलब कर नाराजगी जताई जाती है…यह होता है सवा सौ करोड़ जनता के विश्वास और ताकत का परिणाम…मालदीव में हुए अपमान के बाद देश के हजारों लोगों ने मालदीव में अपने पर्यटन रद्द कर दिए…टूरिस्ट एजेंसियों ने मालदीव को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया और पर्यटन उद्योग पर जीवन चलाने वाला देश अपनी डूबती नैया को भांपते ही घबरा उठा और एक साथ तीन मंत्रियों को पद से हटा दिया… केवल शब्दों के अपमान पर एक देश हिल जाता है… वहीं अपने ही देश में प्रधानमंत्री को न जाने क्या-क्या कहा जाता है…विपक्षी दलों में कहीं संस्कार ही नजर नहीं आता है… मामला अदालत में जाने के बाद भी माफीनामे तक से परहेज किया जाता है…कोई भी ऐरा-गैरा तोहमतें लगाने से बाज नहीं आता है…दुनिया में अपने देश की इज्जत को समझ नहीं पाता है…इसीलिए दूसरे देश का नेता हमारे प्रधानमंत्री का अपमान करने की हिम्मत कर पाता है, लेकिन उसकी हिमाकत का जवाब वहां उसे तुरंत मिल जाता है… भले ही हमारे देश में विपक्षियों के किए अपमान का मामला अदालत में धक्के खाता है…विपक्ष भी नहीं समझ पाता है कि जनता के बहुमत से चुनी गई स्थापित सरकार के मुखिया का रुतबा किसी व्यक्ति नहीं, बल्कि पूरे देश की शक्ति समझा जाता है… इसीलिए मालदीव हो या बांग्लादेश वह भारत की ताकत को जानते हैं … मालदीव ने वहां अपमान को सम्मान में बदलने के लिए मंत्रियों को घर बिठाया…वहीं बांग्लादेश में शेख हसीना ने केवल भारत का गुणगान कर पूरे देश की सत्ता को हासिल कर लिया…यह गर्व है अपने देश का…यह संदेश है हमारी शक्ति का… यह प्रमाण है हमारी उन्नति का… हमारी तरक्की का…हम निर्भर नहीं, सशक्त हैं…हम दुनिया का भविष्य भी हैं और वक्त का सामथ्र्य भी…हम पाठशाला हैं उन देशों के लिए, जो संकुचित विचारधाराओं में जीते हैं…आतंक को पालते हैं… मरने- मारने में वक्त बिताते हैं…खैरात लेकर देश चलाते हैं और दुनिया के हर देश में जिल्लत पाते हैं और अपमान से सर झुकाते हैं… भारत अपने स्वाभिमान को पहचानता है… अपनी शक्ति को जानता है… उठे हुए सरों को झुकाना जानता है… इसलिए भारत की शक्ति दूसरे देशों की भक्ति बन जाती है और अपमान सम्मान में बदल जाता है….

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