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Afghanistan में भारत के साथ चीन व ईरानी दूतावास को मिली हमले की धमकी : UN

न्यूयॉर्क (New York)। अफगानिस्तान (Afghanistan) में भारत के दूतावास (Embassy of India) पर आईएसआईएल-के नामक कुख्यात आतंकी गुट (Notorious terrorist group called ISIL-K) ने हमले की धमकी (threat of attack) दी है। यह धमकी ईरान और चीन के दूतावासों (Embassies of Iran and China) को भी मिली है। इस धमकी की जानकारी संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की रिपोर्ट में दी गई है। इसके मुताबिक, ‘इस्लामिक स्टेट इन इराक एंड द लेवांत-खुरासान’ (आईएसआईएल-के) भारत, ईरान व चीनी दूतावासों को निशाना बनाकर तालिबान के रिश्ते कमजोर करना चाहता है।


आईएसआईएल-के द्वारा पैदा किए गए खतरे पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरस (United Nations Secretary-General Antonio Guterres) की एक रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है कि यह आतंकी समूह तालिबान और मध्य व दक्षिण एशिया क्षेत्र में यूएन के सदस्य देशों के बीच संबंधों को कमजोर करना चाहता है। अंतरराष्ट्रीय शांति-सुरक्षा के लिए आईएसआईएल (दाएश) के खतरे व इसका मुकाबला करने में सदस्य देशों की मदद संबंधी प्रयासों पर महासचिव की 16वीं रिपोर्ट में कहा गया है कि आईएसआईएल-के मध्य एवं दक्षिण एशिया में बड़ा आतंकी खतरा है। इसके मुताबिक, अपने बाह्य अभियानों को अंजाम देने की समूह की मंशा बरकरार है। सुरक्षा परिषद जल्द ही ‘आतंकी कृत्यों के कारण अंतरराष्ट्रीय शांति-सुरक्षा के लिए खतरे पर एक बैठक करेगी। इस दौरान यूएन में आतंक-रोधी कार्यालय के अवर महासचिव व्लादिमीर वोरोनकोव यह रिपोर्ट पेश करेंगे।

भारत ने 10 महीने बाद भेजा था तकनीकी दल
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरस की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि आईएसआईएल-के विभिन्न राजनयिक मिशनों को निशाना बनाना चाहता रहा है। भारत ने अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद मिशन से अपने अधिकारियों को वापस बुला लिया था। इसके 10 महीने बाद पिछले साल जून में भारत ने काबुल के दूतावास में एक तकनीकी दल भेजा था।

दिल्ली घोषणा पत्र का भी जिक्र
रिपोर्ट में नई व उभरती प्रौद्योगिकियों के उपयोग का मुकाबला करने के लिए गत वर्ष भारत में हुई संयुक्त राष्ट्र आतंक-रोधी समिति की एक विशेष बैठक में अपनाए गए ‘दिल्ली घोषणा पत्र’ का जिक्र किया गया है। इसमें दिसंबर 2022 में सुरक्षा परिषद की भारत की अध्यक्षता में पारित बयान का भी संज्ञान लिया गया है, जिसमें दिल्ली घोषणा पत्र को पारित करने का स्वागत किया है।

निशाना बने चीन व पाक दूतावास
रिपोर्ट में कहा गया है, अफगानिस्तान में तालिबानी कब्जे के बाद पिछले साल सितंबर में काबुल के रूसी दूतावास पर पहला हमला हुआ था। दिसंबर में आईएस ने पाकिस्तानी दूतावास व चीनी नागरिकों के आने वाले एक होटल पर हमले का दावा किया था।

नशा कारोबार में जुटे आतंकी
रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक ये आतंकी मुख्य रूप से पूर्वी कुनार, नंगरहार और नूरिस्तान प्रांतों में केंद्रित थे। अब एक सेल काबुल और उसके आसपास भी सक्रिय है। आईएस के ये आतंकवादी नशे का कारोबार करने लगे हैं।

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