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farmers का ऐलान और बैठकों के दौर के बीच सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त

नई दिल्ली। किसानों (farmers) द्वारा 22 जुलाई को दिल्ली में संसद का घेराव करने का ऐलान (Announcement to gherao Parliament in Delhi) करने और उनके साथ पुलिस की बैठकों के दौर के बीच सुरक्षा के भी कड़े बंदोबस्त (Tight security arrangements) किए जा रहे हैं। दरअसल किसानों के साथ बैठक कर उन्हें संसद भवन नही आने के लिए तैयार करने का पुलिस का प्रयास जारी है, लेकिन किसान अपना प्रदर्शन करने को लेकर आमादा हैं। ऐसे में बीच का रास्ता निकालने की जद्दोजहद के बीच सुरक्षा इंतजाम भी कड़े कर दिए गए हैं। सुरक्षाकर्मियों की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है।

15 अगस्त के चलते भी सुरक्षा बढ़ी
राजधानी के जिन तीन प्रमुख बॉर्डर पर किसान बैठे हैं, वहां तो सुरक्षा बंदोबस्त है ही। साथ ही पूरी दिल्ली की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। खासतौर पर सिंघु बॉर्डर पर और टिकरी बॉर्डर की सुरक्षा में इजाफा कर दिया गया है, वहीं गाजीपुर बॉर्डर पर भी सुरक्षा बढ़ाई गई है। 15 अगस्त भी नजदीक होने के कारण सुरक्षा को लेकर विशेष चौकसी बरती जा रही है। अर्धसैनिक बल की अतिरिक्त कंपनियां तैनात कर दी गई हैं।


ड्रोन से रखी जा रही नजर
आसपास के इलाके में ड्रोन से नजर रखी जा रही है। साथ ही पुलिसकर्मी लगातार वीडियोग्राफी कर रहे हैं। इसके अलावा रेंज के ज्वाइंट कमिश्नर स्तर अधिकारियों को अपने इलाके में स्थित बॉर्डर पर पूरी तरह से नजर रखने के लिए कहा गया है। हर दो घंटे पर बॉर्डर के हालात के बारे में आला पुलिस अधिकारियों को अवगत भी कराया जा रहा है।

50 कंपनी से ज्यादा हैं अर्धसैनिक बल
वहीं सुरक्षा के मद्देनजर सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर के अलावा राजधानी के अन्य इलाकों में भी करीब 50 कंपनी से ज्यादा अर्धसैनिक बलों ने मोर्चा संभाल लिया है। वहीं जिले की रिजर्व बटालियन की भी व्यवस्था की गई है। ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी की स्थिति में सुरक्षा कर्मी हालात को काबू कर सकें।

किसान 22 जुलाई से जंतर-मंतर पर करेंगे ‘किसान संसद’ का आयोजन
देश के कुछ किसान संगठन केन्द्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। जिसके चलते किसान संगठन दिल्ली की सीमाओं पर बीते आठ महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन केन्द्र सरकार और किसान संगठनों के बीच कानून को लेकर अभी तक कोई सहमति नहीं बन पाई है। जिसके चलते किसान आंदोलन को धीरे-धीरे तेज कर रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चे ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि 200 किसानों का एक दल 22 जुलाई से हर दिन जंतर-मंतर जाकर ‘किसान संसद’ का आयोजन करेगा। मोर्चे ने अपने बयान में कहा कि किसान यह प्रदर्शित करेंगे कि भारतीय लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को किस तरह से चलाया जाना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की 9 सदस्यीय समन्वय समिति ने दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। एसकेएम ने अपने बयान में कहा कि योजनाओं को व्यवस्थित, अनुशासित और शांतिपूर्ण तरीके से क्रियान्वित किया जाएगा। 200 चयनित प्रदर्शनकारी सिंघू बॉर्डर से प्रतिदिन पहचान पत्र लेकर रवाना होंगे। एसकेएम ने यह भी कहा कि अनुशासन का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मोर्चे ने कहा कि वर्तमान किसान आंदोलन ने लोकतंत्र को मजबूत करने में बड़ा योगदान दिया है। किसान आंदोलन ने जन-केंद्रित मुद्दों को उठाने में अब तक एक सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाई है। (एजेंसी, हि.स.)

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