आज यानि 10 मार्च को है मासिक शिवरात्रि का पावन पर्व, माना जाता है कि प्रत्येक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाई जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार शिवरात्रि (Masik Shivratri 2021) के दिन देवों के देव महादेव (Mahadev) की विधि विधान से पूजा (worship) की जाती है। उनके साथ ही माता पार्वती की भी आराधना होती है क्योंकि शिव और शक्ति एक दूसरे के बिना अधूरे हैं। आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताने जा रहें हैं कि आज चैत्र शिवरात्रि (Chaitra shivratri) भगवान शिव की पजा विधि और इसका महत्व के बारें में तेा आइये जानतें हैं….
पूजा विधि
मासिक शिवरात्रि के दिन रात्रि जागरण का महत्व बेहद विशेष माना गया है। इस दिन भक्त रात को जाकर शिवजी की पूजा करते हैं। इस दिन सूर्योदय (Sunrise) से पहले उठकर स्नान आदि कर लेना चाहिए। फिर स्वच्छ वसत्र धारण कर व्रत का संकल्प करना चाहिए। अगर संभव हो तो इस दिन शिवजी के मंदिर (Shiva’s Temples) में जाना चाहिए और उनकी पूजा सपरिवार यानी माता पार्वती, गणेश जी (Ganesh Ji), कुमार कार्तिकेय, और नंदी महाराज के साथ करनी चाहिए। शिवलिंग का अभिषेक शहद, दही, दूध, शक्कर, शुद्ध घी से करना चाहिए। इस दौरान शिव के पंचाक्षरी मंत्र का उच्चारण भी करना चाहिए। शिवलिंग (Shivling) पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल अर्पित करें। भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा करते समय शिव पुराण, शिव स्तुति, शिव अष्टक, शिव चालीसा (Shiva Chalisa)और शिव श्लोक आदि का पाठ करना चाहिए यह बेहद शुभ माना जाता है।
शिवरात्रि का महत्व
शिवरात्रि का हिन्दू धर्म में एक विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यताओं (Mythological beliefs) के आधार पर इस दिन भगवान शिव ने साकार स्वरूप धारण किया था। इस दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती (Mata Parvati) परिणय सूत्र में बंधे थे। शिवरात्रि को भगवान शिव और माता पार्वती का महामिलन हुआ था। इस वजह से ही शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। कहा जाता है शिवरात्रि के दिन पूजा करने से भगवान शिव (Lord Shiva)अत्यंत प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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