हिंदु धर्म में धार्मिक त्यौहारों का विशेष महत्व है, आज चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) का पांचवा दिन है। आज की इस तिथि को लक्ष्मी पंचमी की पूजा भी की जाती है जिसके चलते यह तिथि लक्ष्मी पंचमी (Lakshmi Panchami) भी कहलाती है। इस दिन लोग देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उपवास किया जाता है और विधि-विधान के साथ उनकी पूजा भी की जाती है। लक्ष्मी पंचमी को श्री पंचमी और श्री व्रत के नाम से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं कि इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा कैसे की जाए।
लक्ष्मी पंचमी 2021 का महत्व:
चैत्र शुक्ल पंचमी (Chaitra Shukla Panchami) कल्पादि तिथि कहा जाता है। मान्यता के अनुसार, यह दिन कल्प की शुरुआत से जुड़ा है। हिंदू पंचांग के अनुसार, गुड़ी पड़वा/उगादि और अक्षय तृतीया दिनों समेत एक वर्ष में सात कल्प दिन होते हैं। लक्ष्मी पंचमी का अवसर भारत (India) में बड़ी संख्या में लोगों द्वारा मनाया जाता है। लोगों का मानना है कि देवी लक्ष्मी की पूजा करने से उन्हें धन और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसलिए, इस दिन लक्ष्मी मां की पूजा पूरी भक्ति के साथ की जाती है। इस दिन मां लक्ष्मी की आरती, मंत्र और चालीसा (Chalisa) का पाठ जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से मां की कृपा भक्त पर हमेशा बनी रहती है।
लक्ष्मी पंचमी पूजा विधि:
इस दिन सुबह के समय जल्दी उठ जाएं और व्रत का संकल्प लें।
फिर घर में स्थित पूजा घर में मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।
मां लक्ष्मी को पंचामृत से स्नान कराएं। फिर चन्दन, ताल, पत्र, फूल माला, अक्षत, दूर्वा, लाल सूत, सुपारी, नारियल आदि चीजों के इस्तेमाल से मां की पूजा करें।
इसके बाद मां को अनाज, हल्दी, गुड़ और अदरक (ginger) मां को अर्पित करें।
कमल का फूल भी अर्पित करें। कहा जाता है कि मां लक्ष्मी (Maa laxmi) को कमल के फूल बेहद प्रिय हैँ।
इस दिन पूजा करते समय श्री सूक्त का पाठ जरूर करना चाहिए। यह बेहद ही शुभ होता है।
इसके बाद मां की आरती उतारें। उन्हें खीर का भोग लगाएं। उस खीर को प्रसाद के रूप में भी बाटें।
फिर जो व्यक्ति व्रत करता है उसे ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए और अपनी सामर्थ्यनुसार उन्हें दान-दक्षिणा देनी चाहिए।
इस दिन अन्न ग्रहण नहीं किया जाता है। इस दिन फल, दूध, मिठाई आदि चीजों का सेवन कर सकते हैं।
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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