विदेश

ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव में देरी होने का संकेत दिया


वाशिंगटन । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के इतिहास में राष्ट्रपति चुनाव में देरी होने का संकेत दे दिया है। उन्होंने दलील दी कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौर में मेल के जरिये मतदान कराना एक फ्रॉड साबित हो सकता है। इसीलिए संघीय चुनाव आगामी नवंबर में न कराए जाएं और उन्हें तभी कराया जाए जब लोग सुरक्षित और सामान्य तरीके से अपने मताधिकारों का प्रयोग कर सकें।

ट्रंप के इस विचार का तत्काल ही विपक्षी डेमोक्रेट पार्टी ने तो विरोध किया ही है, राष्ट्रपति के रिपब्लिकन साथियों ने भी इससे पल्ला झाड़ लिया है। जबकि अमेरिका के संघीय संविधान के मुताबिक, 20 जनवरी, 2021 में निर्धारित राष्ट्रपति चुनाव को टाला नहीं जा सकता है। लेकिन नवंबर के पहले मंगलवार को होने वाले संघीय चुनाव की तारीखों में हेरफेर हो सकता है।

बतादें कि अमेरिका में कोरोना संक्रमण से 1.5 लाख से अधिक मौतों और दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था में 32.9 फीसद की गिरावट आने के बाद राष्ट्रपति ट्रंप के लिए दोबारा चुनाव जीत पाना मुश्किल होता जा रहा है। लेकिन इसके चलते आजाद अमेरिका के 200 साल से अधिक के इतिहास में चुनाव टालने की नौबत पहले कभी नहीं आई है।

यहां तक कि अमेरिका में गृह युद्ध के दौरान, भीषण आर्थिक मंदी और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भी समय से चुनाव हुए थे। अमेरिकी संविधान के दूसरे अनुच्छेद के मुताबिक कांग्रेस को चुनाव का समय निर्धारित करने की शक्ति हासिल है। साथ ही 20वें संशोधन के जरिये राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति का कार्यकाल आम चुनाव के बाद 20 जनवरी को खत्म हो जाता है। दरअसल, राष्ट्रपति ट्रंप ने गुरुवार को ट्वीट करके कहा, ‘2020 में डाक के जरिये एकीकृत मतदान दरअसल अमेरिकी इतिहास का सबसे गलत और फर्जी मतदान होगा। हालांकि इस मतदान में कोई गैरहाजिर नहीं होगा।’ उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के लिए यह बहुत बड़ी शर्मिदगी की बात होगी। इसलिए चुनावों को तब तक टाल दिया जाए तब तक कि लोग सही और सुरक्षित तरीके से मतदान न कर सकें।

वहीं, दूसरी ओर छह अमेरिकी राज्य कैलीफोर्निया, उताह, हवाई, कोलोराडो, ओरेगॉन और वाशिंगटन डाक मतपत्रों से चुनाव नहीं कराने लगभग निर्णय ले लिया है । जबकि अमेरिका के पचास में से पांच राज्य पहले ही डाक मतों को लेकर अपनी पूरा प्रतिबद्धता जता चुके हैं। उनका कहना है कि उन्होंने इन मतपत्रों को सुरक्षित रखने के सभी इंतजाम कर लिए हैं। ताकि कोई बाहरी आकर उनसे कोई छेड़छाड़ न कर सके। कुल मिलाकर यहां के ज्‍यादातर राज्‍य अपने सही समय पर चुनाव सम्‍पन्‍न कराना चाह रहे हैं। ऐसे में लगता है कि राष्‍ट्रपति ट्रंप की बात को गंभीरता से नहीं लिया जाएगा और अमेरिका में चुनाव अपने तय समय पर ही पूरे होंगे।

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