विदेश

यूक्रेन ने 3 देशों के खिलाफ खोला मोर्चा, 6 उप रक्षा मंत्रियों पर भी लिया एक्शन

डेस्क: नॉर्थ कोरिया के शासक किम जोंग उन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुए मुलाकात से यूक्रेन बेचैन है. खबर है कि यूक्रेन ने 6 उप रक्षा मंत्रियों को बर्खास्त कर दिया. इसके अलवा उसने तीन देशों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अनाज आयात पर प्रतिबंध को लेकर जेलेंस्की ने पोलैंड, हंगरी और स्लोवाकिया के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन में मुकदमा दायर किया है.

वहीं, यूक्रेन ने जिन उप रक्षा मंत्रियों को बर्खास्त किया है, उनमें हन्ना मलियार, विताली डेनेहा और डेनिस शारापोव शामिल है. इसके अलावा रक्षा मंत्रालय के सचिव कोस्टिएंतिन वाशचेंको को भी बर्खास्त कर दिया गया है. फिलहाल बर्खास्त करने का कोई कारण नहीं बताया गया है लेकिन सरकार सैन्य साजो सामान खरीद में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रही है.

रक्षा मंत्री का पदभार संभालने वाले रुसतेम उमेरोव ने इसको लेकर तत्काल कोई बयान जारी नहीं किया. बता दें कि इससे पहले जेलेंस्की ने यूक्रेन ने रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेज्निकोव को बर्खास्त कर दिया था. भ्रष्टाचार के आरोपों में रेज्निकोव पर ये कार्रवाई की गई थी. सैन्य जैकेट को अधिक कीमत पर खरीदने का घोटाला सामने आने के बाद रेज्निकोव को पद से हटा दिया गया था. हालांकि, उन्होंने आरोपों से इनकार किया था.


बता दें कि 13 सितंबर को पुतिन और किम जोंग के बीच धमाकेदार मुलाकात हुई थी. दोनों नेताओं के बीच हथियारों की लेन-देन को लेकर करार हुआ था. पुतिन से मुलाकात के दौरान किम की बहन उनके साथ थीं. मुलाकात के दौरान पुतिन ने कहा कि रूस नॉर्थ कोरिया को सैटेलाइट बनाने में मदद करेगा. वहीं कोरियाई शासक किम जोंग ने मॉस्को की लड़ाई में व्लादिमीर पुतिन और रूस को फुल सपोर्ट करने का आश्वासन दिया था.

रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 19 महीनों से जंग जारी है और दोनों देशो के बीच यह युद्ध और कब तक जारी रह सकता है, फिलहाल यह कहना मुश्किल है. मगर लड़ाई अभी भी जारी है. रूस ने पूर्वी यूक्रेन के कई शहरों में भारी बमबारी की है. रूस ने दावा किया है उसने डोनेस्क, ओडेसा में यूक्रेन के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है. वहीं, यूक्रेन की सेना ने कहा है कि उसने क्लीशिचीवका गांव पर कब्जा कर लिया है.

बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी 2022 से जारी है. इतने दिनों के इस युद्ध के दौरान दोनों देशों को काफी नुकसान हुआ है. इस युद्ध में न तो अब तक पुतिन की जीत हुई है और न जेलेंस्की की हार. पुतिन किसी भी कीमत पर इस जंग को जीतना चाहता है. वहीं, यूक्रेन ने भी अभी तक इस युद्ध में हार नहीं मानी है. अमेरिका-नाटों की मदद से यूक्रेन इस युद्ध में टिका हुआ है. मगर किम और पुतिन की मुलाकात से वह बेचैन है.

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