भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

Uma Bharti का शराबबंदी का मुद्दा टांय-टांय फिस

  • हर भारती करती हैं ऐलान, फिर हट जाती हैं पीछे
  • चुनाव होते ही फिर याद आई शराबबंदी

भोपाल। प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने एक बार फिर शराबबंदी को लेकर सड़क पर उतरने का ऐलान किया है। वे 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर भोपाल की सड़कों पर शराब बंदी के खिलाफ उतरेंगी। हालांकि पहले की भांति उमा ने इस बार भी शराबबंदी आंदोलन को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। ऐसे में अब शराबबंदी के मुद्दे पर उमा भारती को उनके संगठन में ही कोई गंभीरता से नहीं ले रहा है। उमा भारती ने शराबबंदी का मुद्दा तब उठाया है, जब प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए मतदान हो चुका है। सबसे ज्यादा शराब की विक्री चुनाव के दौरान हुई है। पूरे चुनाव के दौरान उमा भारती ने शराब को लेकर अपना मुंह नहीं खोला। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने शराबबंदी के लिए आंदोलन करने का पांचवी बार ऐलान किया है। इससे पहले वे चार बार शराबबंदी की मांग उठा चुकी हैं और आंदोलन का ऐलान भी कर चुकी हैं, लेकिन हर बार उमा भारती पीछे हट जाती है। बार-बार शराबबंदी के लिएआंदोलन का ऐलान करना और फिर अचानक गायब हो जाने से उनकी मंशा पर भी सवाल उठने लगे है। उनकी पार्टी के नेताओं ने भी शराबबंदी के मुददे पर उमा भारती को गंभीरता से लेना बंद कर दिया है। तीन महीने पहले उन्होंने राजधानी भोपाल में एक शराब दुकान में तोडफ़ोड की थी, उसके बाद से वे गायब हो गईं। प्रदेश में पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने जा रही है। चुनाव में जमकर शराब बंटी। इस दौरान उमा भारती ने मुंह तक नहीं खोला। चुनाव होते ही उन्होंने शराबबंदी का अलाप करना शुरू कर दिया है। खास बात यह है कि इस बार भाजपा संगठन के किसी भी नेता ने उमा को गंभीरता से नहीं लिया है। उमा भारती ने अक्टूबर में गांधी जयंती से नई शराबनीति में संशोधन और अहाते बंद करने को लेकर आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है। उमा ने ट्वीट के जरिए यह जानकारी दी कि वह शराबबंदी की मांग को लेकर भोपाल में गांधी जयंती पर महिलाओं के साथ मार्च करेंगी। उन्होंने अपने इस अभियान में उन सभी लोगों से साथ आने की अपील की है, जो किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं हैं।


पंचायत चुनाव में चुप रहीं: उमा
उमा भारती ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए और कहा कि 10 जुलाई को देवशयनी एकादशी आएगी, सूर्य उसके बाद दक्षिणायन हो जाएंगें। इसीलिए आज ही मैं अपनी बात कहूंगी। मध्यप्रदेश में नशामुक्ति (जिसमें शराब बंदी भी शामिल है) अभियान भाजपा का ही वादा है एवं मैं उसी का अनुसरण कर रही हूं। मैं भाजपा की एक समर्थ एवं निष्ठावान कार्यकर्ता हूं, इसीलिए मैंने अधिकतर पंचायत एवं निगम चुनाव हो जाने दिए। इस बीच मैं मौन रही। अब मेरी सबसे अपील है कि कोई दुविधा में न रहे, सब अपनी-अपनी जगह पर रहकर ही इस के लिए अपनी सामथ्र्य अनुसार ही काम करें। मैं एक बहुत बड़ी कठिनाई का समाधान कर रही हूं। आज से अक्टूबर तक मैं इस अभियान में उनको अपने साथ आने के लिए कहूंगी। जो किसी पार्टी के कार्यकर्ता, पदाधिकारी या अन्य किसी पद पर नहीं हैं। फिर अक्टूबर में गांधी जयंती पर भोपाल की सड़कों पर मैं महिलाओं के साथ इस राक्षस जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ मार्च करूंगी।

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