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वीरेंद्र सहवाग के भाई गिरफ्तार, करोड़ों रुपये से जुड़ा है मामला

March 06, 2025

नई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) के भाई को चंडीगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वीरेंद्र सहवाग के भाई विनोद सहवाग (Vinod Sehwag) को चंडीगढ़ पुलिस की पीओ सेल की टीम ने गिरफ्तार किया है। जानकारी के अनुसार पुलिस ने उसे चेक बाउंस के मामले (Cheque Bounce Cases) में गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी विनोद सहवाग को कोर्ट में पेश किया गया, जहां मौके पर ही उसके अधिवक्ता की तरफ से जमानत याचिका दायर कर दी गई।

हालांकि पुलिस ने आरोपी की जमानत याचिका का विरोध किया। इस मामले में अभी फैसला आना बाकी है। पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग के भाई विनोद सहवाग के खिलाफ चंडीगढ़ जिला अदालत में 7 करोड़ रुपये के चेक बाउंस का केस चल रहा है। ये केस बद्दी की कंपनी श्री नैना प्लास्टिक ने दिल्ली की जाल्टा फूड एंड बेवरेजेस और उनके तीन डायरेक्टर्स विनोद सहवाग, विष्णु मित्तल और सुधीर मल्होत्रा के खिलाफ किया हुआ है।


केस में पिछले साल लोअर कोर्ट ने विनोद सहवाग समेत तीनों डायरेक्टर्स को बतौर आरोपी कोर्ट में पेश होने के लिए समन किए थे। लेकिन अब उन्होंने कोर्ट के समनिंग ऑर्डर के खिलाफ सेशंस कोर्ट में रिवीजन पिटीशन फाइल कर दी है। सहवाग के भाई ने रिवीजन पिटीशन में कहा कि उन्हें आरोपी बनाए जाने का फैसला गलत है। वे इस कंपनी में न तो डायरेक्टर हैं और न ही इंप्लॉई। उनका कंपनी के डे टू डे अफेयर्स में भी कोई रोल नहीं है।

श्री नैना प्लास्टिक कंपनी के वकील विकास सागर ने बताया कि जाल्टा कंपनी ने उनकी कंपनी से कुछ मैटीरियल सप्लाई करने का ऑर्डर दिया था। ये मैटीरियल लगभग 7 करोड़ रुपये का था। जाल्टा कंपनी ने इसके एवज में जून 2018 को एक-एक करोड़ के 7 बैंक चेक शिकायतकर्ता कंपनी को दिए। लेकिन शिकायतकर्ता कंपनी ने इन चेक्स को अकाउंट में लगाया तो वे फंड्स न होने की वजह से बाउंस हो गए।

शिकायतकर्ता कंपनी ने जाल्टा कंपनी को जानकारी दी। लेकिन दो महीने बाद जब चेक क्लीयर नहीं हुए तो कंपनी और डायरेक्टर्स के खिलाफ लीगल नोटिस दिया और 15 दिनों में पेमेंट करने की मांग की। लीगल नोटिस के बाद भी कंपनी ने पेमेंट नहीं दी तो उन्होंने चेक बाउंस का केस फाइल कर दिया।

पहले तो लोअर कोर्ट ने विनोद सहवाग समेत तीनों आरोपियों को बतौर आरोपी पेश होने के लिए समन किए थे, लेकिन इसके बावजूद वे कोर्ट नहीं पहुंचे। इस पर कोर्ट ने उनके बेलेबल और फिर नॉन बेलेबल वॉरेंट ऑफ अरेस्ट इश्यू किए। इसके बाद भी जब वे कोर्ट नहीं पहुंचे तो उनके खिलाफ भगौड़ा करार दिए जाने की प्रक्रिया (पीओ प्रोसिडिंग) शुरू कर दी गई। फिर 22 जुलाई 2019 को विनोद सहवाग कोर्ट पहुंचे और उन्हें 2 लाख रुपये की श्योरिटी पर जमानत दी गई थी। इसके बाद उन्होंने अक्टूबर 2019 को समनिंग ऑर्डर को सेशंस कोर्ट में चैलेंज किया।

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