
नए-नए आए निगमायुक्त (Municipal Commissioner) न शहर (Indore) को समझा पाए और न नेताओं (leader) को… न जनता (public) को परख पाए न जोखिमों को… यहां नेता खामोश नजर आते हैं… अपने कामों के लिए हाथ फैलाते हैं… लेकिन जब आप उनके हाथ ही काटने पर आमादा हो जाओगे तो खंजर निकल ही जाएंगे… निगमायुक्त ने शहर के सारे झोनों के अधिकारियों को एक वार्ड मेें घुसेडक़र जनता की कर चोरी पकडऩे के काम पर लगा दिया… ऐसे तेवर दिखाए कि इलाके के चप्पे-चप्पे पर अधिकारियों की फौज आतंकियों की तरह कर चोरी की खोज करने लगी…कहीं नपती की जा रही है तो कहीं कागज खंगाले जा रहे हैं…कहीं रसीदों की जांच-पड़ताल की जा रही है तो कहीं नल की टोंटियां नापी जा रही हैं…दहशत के मारे भगदड़ करते लोग पार्षदों और नेताओं की शरण में पहुंचे…पार्षदों को अपनी वोट की चादर खिसकती नजर आई तो वो मैदान में उतरे… पहले बात हुई…फिर गर्मागर्मी बढ़ी… पार्षद को जनता का साथ मिला…माहौल बना तो बात तकरार तक पहुंची…जुबानी जंग में यादवी तेवर दिखाते अधिकारी तू-तड़ाक पर उतरे तो पार्षद भी बांहें चढ़ाने लगा…मामला थाने पहुंचा तो असली खेल शुरू हुआ…सारे पार्षदों को लग गया कि आज यदि निगम भारी पड़ गया तो शहर के सारे वार्डों में आतंक शुरू हो जाएगा…पार्षदों की नेतागीरी खतरे में पड़ जाएगी और जनता जूते मारने लग जाएगी…पार्षदों ने विधायकों के फोन खटखटाए और विधायकों ने मंत्री को दास्तां सुनाई…ऊपर से नीचे तक एक ही आवाज आई-पार्षद तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं…लिहाजा हंगामा ऐसा बरपा कि नपती करने गए अधिकारी खुद नप गए…पकडऩे गए थे चोरी और हो गई सीनाजोरी… वैसे भी यह तो होना ही था… बिना सोचे-समझे निगमायुक्त ने कर चोरी पकडऩे का न केवल फरमान दे डाला, बल्कि शहर के सारे झोनों के अधिकारियों को एक वार्ड में घुसेडक़र आतंकी संदेश भी दे डाला…सभी नेता घर आते खतरे को देख पहले से ही सहमे, भडक़े हुए थे, क्योंकि शहर का एक भी ऐसा वार्ड नहीं है, जहां टैक्स की चोरी नहीं होती और टैक्स चुकाने वाला गरीब वर्ग ही इन नेताओं की चुनाव में मदद करता है…यदि इस वर्ग पर घात हो जाता और नेता मदद को आगे नहीं आता तो चुनाव में खुद अपनी दरी बिछाता और वोट के लिए अकेला गली-गली में गुहार लगाता…अकेला कितने वोटरों को मतदान केंद्र तक लाता… इसीलिए कर्ज चुकाने का फर्ज तो निभाना ही था और इस आतंक को मिटाना ही था…हुआ भी यही…एक वार्ड से शुरू हुआ अभियान उसी वार्ड में दम तोड़ गया…दूसरे दिन अधिकारियों को फरमान आया… सबको घर बिठाया… अधिकारियों से लेकर नेताओं और जनता ने राहत को पाया…
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